पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय के नए भवनों का शिलान्यास

Tina Chouhan

जोधपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय के नए भवनों का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि जब जीवन में दुख आता है, तो अक्सर लोग नकारात्मकता में घिर जाते हैं, लेकिन सुशीला का जीवन इसका अपवाद है। युवा अवस्था में पति को खोने के बाद उन्होंने लाखों लोगों के जीवन में उजाला फैलाने का कार्य किया। पिछले 60 वर्षों से वह समाज सेवा के माध्यम से हजारों लोगों को जीने की प्रेरणा देती रही हैं।

सुशीला बोहरा ने सेवा कार्य मेरे जन्म से भी पहले प्रारंभ कर दिए थे, जिनसे कई दिव्यांगजनों ने ऊंचाइयां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु ने दिव्यांगजनों को छिपी हुई विशेष शक्तियां दी हैं, जिन्हें निखारने की आवश्यकता है। इन्हीं शक्तियों को आधार बनाकर दिव्यांगजन जीवन जीने की अद्भुत कला सीखते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने विकलांग शब्द की जगह पहली बार दिव्यांग शब्द का प्रयोग किया। इससे पूरे देश में दिव्यांगजन के प्रति समाज का नजरिया बदल गया। यह शब्द आत्मनिर्भरता और नई पहचान का संदेश देता है।

उन्होंने पैरा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाने वाले देवेंद्र झाझड़िया सहित कई खिलाड़ियों का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि सरकार और समाज मिलकर कार्य करें तो हर लक्ष्य संभव है। पिछले तीन पैरा ओलंपिक खेलों में भारत को 52 पदक मिले हैं, जो दिव्यांगजनों की क्षमता का प्रमाण हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह परियोजना राजस्थान में दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा के अवसरों को सुदृढ़ करेगी। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि केंद्र सरकार सभी वर्गों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने संस्थान की सेवाओं की सराहना करते हुए इसे सामाजिक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। स्थानीय नागरिकों और संस्थान से जुड़े लोगों ने भी इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह शिलान्यास जोधपुर में सामाजिक व शैक्षिक विकास का नया अध्याय है।

Share This Article