समाज और पुलिस के बीच सहयोग से ही मजबूत कानून व्यवस्था संभव है

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समाज और पुलिस के बीच सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि शांति और प्रगति के लिए इन दोनों के बीच संतुलन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पुलिस को संरक्षक की भूमिका निभानी चाहिए, जबकि समाज को उत्तरदायी नागरिक के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, ताकि सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो सके। सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस उन पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के त्याग का दिन है, जिन्होंने देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने पुलिस और समाज के बीच आपसी समझ और जिम्मेदारी की भावना पर बल देते हुए कहा कि इससे सुरक्षा, न्याय और विश्वास की भावना मजबूत होती है। समाज तभी शांति और प्रगति की ओर बढ़ सकता है जब सुरक्षा, न्याय और विश्वास की भावना सुदृढ़ हो। पुलिस तभी प्रभावी रूप से काम कर सकती है जब समाज के नागरिक पुलिस के सहयोगी बनें और कानून का सम्मान करें।

रक्षा मंत्री ने सेना और पुलिस को देश की सुरक्षा के मजबूत स्तंभ बताते हुए कहा कि इनका साझा मिशन देश की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि सेना भारत की भौगोलिक अखंडता की रक्षा करती है, जबकि पुलिस सामाजिक अखंडता की रक्षा करती है। सिंह ने पुलिस की चुनौतियों और उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज पुलिस को केवल अपराध से ही नहीं, बल्कि धारणा से भी लड़ना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद की समस्या का समाधान निकट है और विकास की दिशा में कई क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन हो रहे हैं।

सरकार ने पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा कि सशक्त पुलिस ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकती है।

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