उदयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर की टीम ने सोमवार को डूंगरपुर में कार्रवाई करते हुए पेंशन विभाग के कम्प्यूटर ऑपरेटर को बंद पेंशन को पुनः शुरू करने के लिए 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। परिवादी ने ब्यूरो चौकी, उदयपुर में शिकायत दी थी कि वह वन विभाग उदयपुर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। उसके पिता वन विभाग में कैटल गार्ड थे जिनकी मृत्यु 17 अगस्त 2017 को हो गई थी। उनकी मृत्यु के बाद उसे वन विभाग, उदयपुर में अनुकम्पात्मक नियुक्ति मिली थी।
पिताजी की वर्ष 2017 से लगातार पेंशन आ रही थी, जिसका लगभग 2 लाख 59 हजार रुपए का एरियर बन गया था। इसे पास करवाने के लिए वह अपनी मां के साथ अप्रैल 2025 में पेंशन विभाग, डूंगरपुर गया, जहां कम्प्यूटर ऑपरेटर गोविन्द गाठिया से मिला। उसने एरियर के रुपए पास करने के लिए 90 हजार रुपए की मांग की। उसने टुकड़ों में तीस-तीस हजार रुपए रिश्वत देने की मांग की। 2 जून को माताजी का जीवित प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन प्रस्तुत कर दिया।
इसके बाद गोविन्द कुमार गाठिया से मिलने पर उसने कहा कि पहले वाले रुपए दे देते तो पेंशन बंद नहीं होती। पेंशन शुरू करवानी है तो रुपए देने पड़ेंगे। ब्यूरो ने शिकायत का सत्यापन किया और कम्प्यूटर ऑपरेटर गोविन्द गाठिया को कोष कार्यालय डूंगरपुर में अपने कार्यालय कक्ष में 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।