घोटालों के खिलाफ निष्क्रियता के लिए पायलट ने अपनी सरकार पर किया हमला

Sabal Singh Bhati
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जयपुर, 20 जनवरी ()। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अशोक गहलोत सरकार पर हमले जारी रखते हुए सवाल उठाया कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में सामने आए भ्रष्टाचार के मामलों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। पायलट गुरुवार को पाली में किसान सम्मेलन में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि सरकार बने चार साल हो गए हैं, हम वसुंधरा राजे के घोटालों पर कार्रवाई क्यों नहीं करते, जिसकी हमने बात की थी और जिसके सबूत हैं? केंद्र सरकार गांधी परिवार को बेवजह परेशान कर रही है और राजस्थान में हमारी सरकार भाजपा शासन के दौरान सामने आए घोटालों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती है?

पायलट ने कहा, 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद सरकार बनी। उन पांच सालों में राजस्थान में वसुंधरा की सरकार थी, हमने वसुंधरा सरकार को चुनौती दी थी कि हम आपके भ्रष्टाचार और काले कामों का पर्दाफाश करेंगे। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आप सभी को पता है कि भाजपा के शासन में जमीन और शराब के घोटाले हुए थे। कई देश छोड़कर भाग गए। ललित मोदी जी विदेश में बैठे हैं। जिन लोगों के साथ उनका नाम जुड़ा है, उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

पायलट ने कहा, कांग्रेस सरकार भले ही दोहराए, लेकिन अगर भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, जिनका पदार्फाश कर हमने राजस्थान में सरकार बनाई है, तो जनता हम पर विश्वास नहीं करेगी। मैं दुश्मनी की बात नहीं करता। लेकिन हमने जो आरोप लगाए हैं, उन पर कार्रवाई करें, जिनके सबूत हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, केंद्र में बैठी सरकार हमारे नेताओं पर झूठे आरोप लगाती है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर केस किया गया और उनकी आय पर भी सवाल उठाया गया। गांधी परिवार को पूछताछ के लिए बुलाया जाता है। देश के लिए बलिदान देने वाले परिवार की सुरक्षा वापस ले ली जाती है।

उन्होंने कहा, राजस्थान में हमारी सरकार है, हम भ्रष्टाचार में शामिल भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते। मैं बदले की भावना से काम नहीं करना चाहता, लेकिन जो लोग भ्रष्टाचार के लिए जवाबदेह हैं, उन्हें पकड़ना होगा।

पेपर लीक से जुड़े मुद्दों को लेकर पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं और उन्होंने राजस्थान में ठंड के कारण फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।

सीबीटी

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