उपासना स्थल अधिनियम : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 9 जनवरी ()। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के कुछ प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को और समय दिया।

केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ से कहा कि परामर्श चल रहा है और याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया जाए। सरकार सुनवाई शुरू होने से पहले जवाब दाखिल करेगी।

उन्होंने कहा, माई लॉर्डस, कृपया एक तारीख तय करें। हम उस तारीख से पहले जवाब दाखिल कर सकते हैं।

पीठ में शामिल न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को फरवरी 2023 के अंत तक का समय देने का फैसला किया।

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने अयोध्या के फैसले में इस अधिनियम को बरकरार रखा था और इसलिए जनहित याचिकाएं कायम नहीं हैं। याचिकाकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने हालांकि कहा कि चुनौती कानून के खिलाफ दी गई है, न कि फैसले में की गई किसी टिप्पणी के खिलाफ।

सिब्बल ने याचिकाओं की विचारणीयता के संबंध में कुछ आपत्तियां उठाने की अनुमति मांगी और कहा कि ऐसी आपत्तियों पर सुनवाई के दौरान विचार किया जाए।

पिछले साल 14 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अधिनियम के कुछ प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर व्यापक हलफनामा दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को 12 दिसंबर तक का समय दिया था।

पीठ ने 21 अक्टूबर को केंद्र को 31 अक्टूबर या उससे पहले हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। इसने मामले को 14 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था।

12 मार्च, 2021 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कानून के कुछ प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर केंद्र की प्रतिक्रिया मांगी थी।

एसजीके/एएनएम

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times