छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2025 में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को नवा रायपुर पहुंचे। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रसिद्ध पंडवानी गायिका और पद्म विभूषण सम्मानित तीजनबाई के परिजनों से फोन पर बात की और उनका हालचाल पूछा। तीजनबाई इस समय अस्वस्थ हैं, और प्रधानमंत्री ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
तीजनबाई की बहू वेणु देशमुख ने मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री के सचिव का फोन आया था, जिसमें कहा गया था, “आपसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात करना चाहते हैं।” जब प्रधानमंत्री ने फोन पर अपना परिचय दिया, तो वेणु कुछ पल के लिए आश्चर्यचकित रह गईं।
बातचीत लगभग 1 मिनट 18 सेकंड तक चली, जिसमें प्रधानमंत्री ने तीजनबाई के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और कहा, “अगर आपको मेरी जरूरत हो तो जरूर बताइए, हम आपके साथ खड़े हैं।” वेणु ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि तीजनबाई की तबीयत काफी कमजोर है और वे सामान्य भोजन नहीं कर पा रही हैं, केवल सूप पर निर्भर हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे नवा रायपुर में स्थापना दिवस के कार्यक्रम में आए हैं और व्यक्तिगत रूप से मिलने की इच्छा रखते थे, लेकिन व्यस्तता के कारण यह संभव नहीं हो सका।
इस दौरान दुर्ग जिले के कलेक्टर अभिषेक सिंह और एसडीएम भी घर पर मौजूद थे। बातचीत के दौरान वेणु भावुक हो गईं और प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है, इसलिए सरकार किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने पर विचार करे। उन्होंने कहा कि तीजनबाई ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और लोककला के लिए जीवनभर काम किया है, और अब सरकार को उनके परिवार की मदद करनी चाहिए। तीजनबाई ने छत्तीसगढ़ की लोककला पंडवानी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है।
वे 1980 में इंग्लैंड, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, टर्की, माल्टा, साइप्रस, रोमानिया और मॉरीशस तक सांस्कृतिक यात्राएं कर चुकी हैं। उन्हें 1988 में पद्मश्री, 1995 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 2019 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उनकी कला ने छत्तीसगढ़ को विश्व पटल पर गौरवान्वित किया है।

