मध्यप्रदेश में महिला एवं बच्चों से संबंधित अपराधों को रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में भोपाल में पुलिस अधिकारियों ने महिला और बच्चों से जुड़े मामलों पर पुलिस विभाग के स्टाफ और एनजीओ के साथ बैठक की। यह बैठक विशेष पुलिस महानिदेशक महिला सुरक्षा शाखा, अनिल कुमार के मार्गदर्शन में पुलिस मुख्यालय के सभागार में आयोजित की गई, जिसमें प्रदेशभर से आए एनजीओ और महिला थाना प्रभारियों ने भाग लिया। बैठक में प्रदेश के 42 एनजीओ के लगभग 70 सदस्य और सभी महिला थाना प्रभारी शामिल हुए।
बैठक का उद्देश्य महिला एवं बच्चों के खिलाफ अपराधों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार करना और पुलिस तथा सामाजिक संगठनों के बीच समन्वय स्थापित करना था। बैठक में विभिन्न अभियानों का प्रस्ताव रखा गया, जैसे संबल – महिलाओं के विधिक जागरूकता एवं अधिकारों के लिए, सृजन – बालिकाओं के प्रति अपराधों की रोकथाम एवं जागरूकता के लिए, अभिमन्यु – बालकों में विधिक जागरूकता एवं अपराधों की रोकथाम हेतु, और चेतना – मानव दुर्व्यापार की रोकथाम के लिए।
एनजीओ के सहयोग से संचालित गतिविधियों की समीक्षा करते हुए अनिल कुमार ने बताया कि स्वयंसेवी संगठनों द्वारा संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन, पॉक्सो एक्ट, जेजे एक्ट, गुड टच-बैड टच, लैंगिक समानता, बंधुआ मजदूरी, गुम बालिका, बाल विवाह और मानव दुर्व्यापार से संबंधित प्रयासों को पुलिस के साथ मिलकर अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। बैठक में प्रमुख वक्ता के रूप में उमनि, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, पुलिस महानिदेशक विनीत कपूर ने सामुदायिक पुलिसिंग, सृजन कार्यक्रम, शक्ति समिति और एनजीओ के सहयोग से संचालित गतिविधियों के सकारात्मक परिणामों पर चर्चा की।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि महिला थाना प्रभारी और स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यों का एक संयुक्त व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा, जिससे महिला सुरक्षा शाखा द्वारा संचालित अभियानों की रूपरेखा का समन्वित रूप से पर्यवेक्षण किया जा सके। इस माध्यम से प्रदेश को अपराधमुक्त बनाने की दिशा में संयुक्त प्रयास किए जाएंगे।


