प्रयागराज (उप्र), 8 जून ()। अतीक अहमद के प्रमुख सहयोगी अब्दुल कवी ने जांचकर्ताओं को बताया कि मारा गया गैंगस्टर कौशांबी में यमुना नदी के किनारे के गांवों को अपने हथियारों को छुपाने के लिए इस्तेमाल करता था।
कवी 2005 के बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के सिलसिले में वांछित था। मामले में 18 साल तक फरार रहने के बाद उसने इस साल अप्रैल में सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था।
उसने अपने उन साथियों के नामों का भी खुलासा किया, जिन्होंने उसे छिपने के दौरान शरण दी थी।
कवी ने 36 घंटे की पुलिस हिरासत के दौरान यह खुलासा किया।
उसके द्वारा प्रदान की गई जानकारी से अवैध हथियारों के विशाल जखीरे को बरामद करने में मदद मिली। इसमें सराय अकील क्षेत्र के भकांडा में कवी के पैतृक गांव से 88 जिंदा कारतूस और 25 कच्चे बम के साथ 20 देशी पिस्तौल शामिल है।
कावी अतीक के गिरोह के अवैध हथियारों को अपने घर में और उसके आसपास छिपाकर रखता था और अपने करीबियों और दोस्तों के घर में शरण लेता था।
उसने पुलिस को यह भी बताया कि उसने इस दौरान अपना मोबाइल नंबर कभी किसी को नहीं दिया और पुलिस को चकमा देने के लिए ठिकाने बदलता रहा।
कवी ने यह भी स्वीकार किया कि उसने प्रयागराज में चकिया और आसपास के इलाकों में शरण ली थी और कौशांबी में यमुना नदी के किनारे स्थित गांवों में अतीक के गिरोह के हथियारों को छुपाता था।
अब्दुल कावी ने जांचकर्ताओं को यह भी बताया कि अतीक के गनर एहतेशाम और अन्य ने गिरोह के लिए अवैध हथियारों की व्यवस्था की थी।
एहतेशाम को शुरू में अतीक के साथ पुलिस गनर के रूप में तैनात किया गया था और बाद में गैंगस्टर के साथ हाथ मिलाने की शिकायतों के बाद उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।
देश विदेश की तमाम बड़ी खबरों के लिए निहारिका टाइम्स को फॉलो करें। हमें फेसबुक पर लाइक करें और ट्विटर पर फॉलो करें। ताजा खबरों के लिए हमेशा निहारिका टाइम्स पर जाएं।