पोकरण में ठोकर खा चुके महंत प्रताप पुरी अब सांचौर-भीनमाल में तलाश रहे राजनीतिक जमीन

Dileep Singh
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दिलीप डूडी, जालौर। राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। विपक्ष में बैठी भाजपा ने इसके लिए जन आक्रोश यात्रा से अपना कार्य शुरू किया है, इसके साथ वो नेता भी अब तैयारी में जुट गए है जिनको चुनाव के लिए सीट तैयार करनी है। उनमें से एक नाम महंत प्रताप पुरी का भी है।

दरअसल, बाड़मेर जिले के तारातरा मठ के महंत प्रताप पुरी (Mahant Pratap Puri) वर्ष 2018 चुनावों से ही सक्रीय राजनीति में आ गए थे, उस दौरान महंत प्रताप पुरी (Mahant Pratap Puri) को जैसलमेर जिले की पोकरण विधानसभा सीट पर तत्कालीन विधायक शैतानसिंह की टिकट काटकर मौका दिया गया था, इससे पहले पोकरण में आरएसएस का पथ संचलन निकालकर माहौल भी महंत प्रताप पुरी (Mahant Pratap Puri) के पक्ष में कर लिया गया, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया।

जब मतगणना के दौरान चुनाव परिणाम आए तो अचंभित करने वाले थे, महज एक हजार से भी कम वोटों से प्रताप पुरी को हार झेलनी पड़ी। उसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान महंत प्रताप पुरी (Mahant Pratap Puri) का नाम जालौर लोकसभा से दावेदारी में नाम उभरा, लेकिन बाद में पार्टी ने यहां मौका नहीं दिया।

उधर, पोकरण विधायक साले मोहम्मद को कांग्रेस सरकार में मंत्री बनाकर मजबूती देने का प्रयास किया, साले मोहम्मद ने भी हिन्दू कट्टर वोटबैंक में सेंधमारी कर महादेव की पूजा करने से नहीं चूके। साले मोहम्मद ने आमजन में अपनी पैठ मजबूत करनी शुरू कर दी, लिहाजा महंत प्रताप पुरी (Mahant Pratap Puri) अब पोकरण के साथ अपना नया विकल्प भी तैयार करने में जुटे है और उनकी जालौर जिले की दो सीटों पर नजर है।

यह दो सीट है भीनमाल व सांचौर, इन दोनों में से जहां कहीं समीकरण बैठेंगे वहां से नाम आगे करने में सहूलियत रहेगी। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक पार्टी के ऊपरी स्तर से भी कुछ पदाधिकारियों का इशारा भी किया हुआ है।

पोकरण में ठोकर खा चुके महंत प्रतापपुरी अब सांचौर-भीनमाल में तलाश रहे राजनीतिक जमीन
महंत प्रताप पुरी के पास जन आक्रोश यात्रा का जालौर जिला प्रभारी का भी है दायित्व

महंत प्रताप पुरी (Mahant Pratap Puri) की दोनों सीटों पर इस कारण नजर

भीनमाल :

भीनमाल विधानसभा सीट पर पिछले लगातार तीन चुनावों से भाजपा जीत रही है। यहां वर्ष 2008 से अब तक लगातार भाजपा के पूराराम चौधरी विधायक है, अब पूराराम का भीतरी रूप से विरोध शुरू हो गया है। साथ ही पूराराम पर कांग्रेस सरकार से हाथ मिलाने के भी आरोप लगे है, पुराराम के अल्हड़पन के कारण पार्टी पदाधिकारी भी नाराज है।साथ ही पूराराम पर एक संत की मौत मामले में गम्भीर आरोप भी है। भाजपा के प्रदेश स्तरीय सभी गुट पूराराम से नाराज चल रहे है।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी वर्तमान में पूराराम से नाराज चल रही है, इस कारण इस बार पुराराम का टिकट कटना तय है। इसके बावजूद पार्टी को डर लग रहा है कि कोई दमदार उम्मीदवार नहीं मिला तो पूराराम की भरपाई मुश्किल हो सकती है, इस नजरिए से पार्टी चाह रही है कि महंत प्रताप पुरी (Mahant Pratap Puri) मजबूत उम्मीदवार बन सकते है। पिछले दिनों एक कार्यक्रम में भी प्रताप पुरी को यहां निमंत्रित किया गया था।

सांचौर :

सांचौर विधानसभा सीट पर पिछली दो बार से कांग्रेस के सुखराम विश्नोई जीत रहे है। इस बार विश्नोई राज्य मंत्री भी है। सांचौर से भाजपा ने पिछली बार युवा चेहरा दानाराम चौधरी को टिकट देकर हाथ आजमाया था, लेकिन पूर्व जीवाराम चौधरी की बगावत का कारण भाजपा को हार झेलनी पड़ी। इस बार भी दावेदार तो कई है, लेकिन भाजपा को जिताऊ नहीं लग रहे है।

पार्टी की उम्मीदों पर युवा नेता दानाराम चौधरी भी खरा उतरने में नाकाम रहे, वहीं जीवाराम की दो बार की बगावत भी उनकी आड़े आ रही है। इसी प्रकार भाजपा जिलाध्यक्ष श्रवणसिंह राव का भी नाम सामने आता है, लेकिन उनके साथ भी भीतरघात का डर सता रहा है। इस कारण विवाद से परे रहने के लिए इनका दूसरा विकल्प सांचौर भी है।

जातीय समीकरण साधने के लिए भगवा पर भरोसा

भीनमाल व सांचौर दोनों स्थानों पर टिकट परिवर्तन करने पर भाजपा को अन्य उम्मीदवार के साथ जातीय विवाद का खतरा दिख रहा है, इसलिए भगवा का सहारा बेहतर साबित हो सकता है। महंत प्रताप पुरी (Mahant Pratap Puri) का नाम सभी जातीय समीकरण साधने में कामयाब हो सकता है।

जन आक्रोश यात्रा के प्रभारी के रूप में भी फीडबैक महंत प्रताप पुरी (Mahant Pratap Puri) को जिले से मिलेगा, वो भी बड़ा महत्वपूर्ण रहेगा। इस बारे में जब महंत पुरी से पूछा तो उन्होंने भी कहा कि जहां से पार्टी आदेश करेगी, हम तैयार है। फिलहाल यह भी एक राजनीतिक अनुमान है, वर्षभर शेष है कई समीकरण सामने आते रहेंगे।

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