राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को देहरादून के राजपुर रोड पर स्थित राष्ट्रपति निकेतन में नौ करोड़ रुपये की लागत से तैयार दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं- फुट ओवर ब्रिज और घुड़सवारी क्षेत्र का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ राष्ट्रपति निकेतन परिसर में आधुनिकता, सुरक्षा और भारतीय विरासत का सुंदर मेल दिखाई दिया। समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे। राष्ट्रपति मुर्मू ने फुट ओवर ब्रिज का उद्घाटन किया, जो लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार किया गया है।
यह 105 फीट लंबा फुट ओवर ब्रिज राष्ट्रपति निकेतन को राष्ट्रपति उद्यान से जोड़ता है। हिमालयी वास्तुकला की शैली में निर्मित इस पुल से राजपुर रोड पर पैदल यात्रियों को सुरक्षित पारगमन का विकल्प मिला है। नौ करोड़ की लागत से तैयार इस पुल ने न केवल सौंदर्य बढ़ाया है, बल्कि क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूती दी है। वहीं, राष्ट्रपति निकेतन परिसर में 0.7 एकड़ क्षेत्र में विकसित घुड़सवारी क्षेत्र राष्ट्रपति अंगरक्षकों (पीबीजी) की ऐतिहासिक परंपरा का प्रतीक है।
सीपीडब्ल्यूडी द्वारा निर्मित इस अत्याधुनिक सुविधा में आठ घोड़ों की क्षमता वाला अस्तबल, उपचार कक्ष, स्नान व चारा कक्ष और आगंतुकों के लिए विशेष दर्शन गलियारा बनाया गया है। यह क्षेत्र परंपरा और आधुनिक तकनीक का संतुलित उदाहरण प्रस्तुत करता है। राष्ट्रपति निकेतन अब आम नागरिकों के लिए भी खुला रहेगा। सोमवार को छोड़कर सप्ताह के सभी दिनों में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक आगंतुक यहां प्रवेश कर सकेंगे। राष्ट्रपति सर्किट के अनुभव को समृद्ध बनाने के लिए टूअर गाइड की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
इससे पर्यटक राज्य की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर से नजदीकी जुड़ाव महसूस कर सकेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देर शाम राष्ट्रपति निकेतन परिसर में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में उत्तराखंड की लोक संस्कृति की झलक देखी। गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी लोक कलाकारों ने पारंपरिक गीतों और नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। राष्ट्रपति ने कलाकारों से मुलाकात कर उनकी सराहना की और कहा कि उत्तराखंड की लोक कला देश की अमूल्य धरोहर है, जिसे संरक्षित और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

