नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को कहा कि संसदीय लोकतंत्र में संसद और विधानसभाओं में कानून और नीतियां कैसे बनायी जाती हैं और उनकी कार्यवाही कैसे संचालित होती है, इसे जानने का जनता को अधिकार है और इस कार्य में नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रिजिजू ने यहां नेवा पर आयोजित तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश की 28 विधानसभा और विधान परिषद अपनी-अपनी कार्यवाही नेवा के माध्यम से डिजिटल करने के लिए संसदीय कार्य मंत्रालय के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर चुकी हैं।
संसदीय कार्य मंत्रालय इस कार्य की नोडल एजेंसी है। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा अपनी सम्पूर्ण कार्यवाही का डिजिटलीकरण करने वाली पहली विधानसभा बनी है और दिल्ली विधानसभा ने इस कार्य को सबसे तेजी से संपन्न करते हुए रिकॉर्ड 90 दिनों में पूरा किया है। बिहार विधानसभा की संपूर्ण कार्यवाही का अब नेवा के माध्यम से सीधे प्रसारण किया जाता है। उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही के डिजिटल हो जाने से नये सांसदों के लिए इसे समझना अब बहुत आसान हो गया है।
सदनों की कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी अब लैपटॉप, टैबलेट और मोबाइल फोन पर उपलब्ध रहती है और वे एक सप्ताह में इसकी कार्यप्रणाली से अवगत हो जाते हैं। पहले नये सांसदों को इसे समझने में खासा वक्त लग जाता था। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि नेवा की सफलता आधुनिक डिजिटल इंडिया बनाने के सपने को पूरा करने का एक अच्छा और स्पष्ट संकेत है। उन्होंने कहा कि कानून और नीतियां बनाने में विधायकों-सांसदों के साथ ही इससे जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का भी महती योगदान होता है। जनता को इसकी भी जानकारी दी जानी चाहिए।
इस सम्मेलन में आये इन वरिष्ठ अधिकारियों के बीच आकर वह बहुत प्रसन्न हैं। अब तक 28 विधानसभा और विधान परिषद नेवा से जुड़ गयी हैं और उन्हें उम्मीद है कि इसके अगले सम्मेलन तक देश की सभी विधानसभा और विधान परिषद नेवा के माध्यम अपनी कार्यवाही को डिजिटल कर चुकी होंगी।

