वैदिक ज्योतिष में राहु और केतु को छाया और मायावी ग्रह माना जाता है। ये ग्रह व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रभाव डालते हैं। राहु को महत्वाकांक्षा, नवाचार, भौतिकता, भ्रम और इच्छाओं का प्रतीक माना जाता है। कुंडली में इसकी मजबूत स्थिति विदेश यात्रा, सफलता और सम्मान के योग बनाती है। यह जीवन में अचानक बदलाव और रहस्यमयी घटनाओं का कारण भी बनता है। वहीं, केतु आध्यात्मिकता, आत्म चिंतन, वैराग्य, ज्योतिष, योग और शोध का कारक है। 2026 में राहु और केतु दोनों अपनी चाल बदलेंगे।
साल के अंत में राहु मकर राशि में और केतु कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। कई लोगों के लिए यह समय लाभकारी सिद्ध होगा। धनु राशि के जातकों के लिए राहु और केतु की चाल अनुकूल होगी। अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है। अटका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। निवेश के लिए यह समय अच्छा रहेगा। प्रमोशन के योग बनेंगे और कार्यक्षेत्र में सहयोग मिलेगा। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। वृषभ राशि के जातकों पर भी राहु और केतु की कृपा होगी। आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होगी।
भय से मुक्ति मिलेगी और किस्मत का साथ मिलेगा। भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। रिसर्च से जुड़े लोगों को लाभ होगा और अटके हुए काम पूरे होंगे। तुला राशि के जातकों के लिए भी यह गोचर शुभ साबित होगा। नया घर या वाहन खरीदने के योग बनेंगे। बिजनेस का विस्तार होगा और नौकरी की तलाश पूरी होगी। प्रेमियों के लिए यह समय शुभ रहेगा। सिंगल लोगों के जीवन में किसी खास व्यक्ति का आगमन हो सकता है। वैवाहिक जीवन में खुशहाली आएगी।

