नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वह पीट-पीट कर मारे गए दलित युवक हरिओम वाल्मीकि के परिजनों से मिलने उनके घर उत्तर प्रदेश के फतेहपुर गए, लेकिन प्रशासन ने उन्हें मिलने से रोकने का प्रयास किया। हरिओम वाल्मीकि की हाल ही में गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। गांधी ने उनके आवास जाकर परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी, यह कहते हुए कि वह उनके साथ खड़े हैं।
गांधी ने कहा- हरिओम वाल्मीकि की नृशंस हत्या ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। उनके परिवार की आंखों में दर्द के साथ एक सवाल था – क्या इस देश में दलित होना अब भी जानलेवा गुनाह है? कांग्रेस नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रशासन पीड़ित परिवार को डराने में जुटा है। उन्होंने परिवार को मुझसे मिलने से रोकने की कोशिश भी की। यह व्यवस्था की वही विफलता है जो हर बार गुनहगारों की ढाल बनकर पीड़ित को ही कठघरे में खड़ा कर देती है। गांधी ने कहा कि न्याय को नजरबंद नहीं किया जा सकता।
भाजपा सरकार को चाहिए कि पीड़ित परिवार पर दबाव खत्म करे और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाए। कांग्रेस नेता ने कहा- मैं हरिओम वाल्मीकि के परिवार और देश के हर शोषित, वंचित और कमजोर नागरिक के साथ मजबूती से खड़ा हूं। यह लड़ाई सिर्फ हरिओम के लिए नहीं है, बल्कि हर उस आवाज के लिए है, जो अन्याय के सामने झुकने से इनकार करती है।


