कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नालंदा की चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि 1971 में अमेरिका के सातवें बेड़े के सामने इंदिरा ने हार नहीं मानी, जबकि आज का ‘यह मर्द’ ट्रंप के दावों पर चुप है। राहुल ने आरोप लगाया कि ट्रंप ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रुकवाने का झूठा दावा कर मोदी का 50 बार अपमान किया, लेकिन उनमें इतना दम नहीं कि ट्रंप को झूठा कह सकें। राहुल ने दावा किया कि मोदी डरपोक हैं, न दृष्टिकोण है न दम।
उन्होंने कहा कि ट्रंप से मिलने का कार्यक्रम था, लेकिन डर के मारे मोदी विदेश नहीं गए। बिहार पर बोलते हुए राहुल ने कहा कि नीतीश कुमार सरकार नहीं चला रहे, रिमोट कंट्रोल मोदी, अमित शाह और नागपुर के हाथ में है। पेपर लीक से युवाओं को नुकसान और छठ के लिए यमुना में अलग तलाब बनाने जैसे मुद्दे भी उठाए। राहुल ने क्यों किया दो हिंदुस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि एक अमीर उद्योगपतियों का है, जहां अदाणी को एक रुपये में जमीन मिलती है, जबकि दूसरा गरीबों, दलितों और पिछड़ों का।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी संपत्तियां अंबानी-अदाणी को सौंपी जा रही हैं। बिहार को मजदूर पैदा करने वाला नहीं, बल्कि नालंदा विश्वविद्यालय जैसा शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने का वादा किया। मेड इन नालंदा फोन और टी-शर्ट राहुल ने कहा कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो बिहार में ‘मेड इन नालंदा’ फोन और टी-शर्ट बनेगा, जिसे चीन के युवा भी खरीदेंगे। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि बिहार को फिर से दुनिया का शिक्षा केंद्र बनाएं, जहां विदेशी छात्र पढ़ने आएं।


