महिला पत्रकारों को बाहर रखने पर राहुल-प्रियंका का बयान

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की भारत यात्रा के दौरान महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर रखने को लेकर केंद्र सरकार पर हमला करते हुए इसे नारी शक्ति के नारों का खोखलापन करार दिया और कहा कि सरकार को इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को इजाजत नहीं देने को लेकर कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने सरकार पर तीखा हमला किया और कहा कि यह अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है और इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए। गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंचों से बाहर रखने की अनुमति दी जाती है, तो सरकार देश की हर महिला को यह बता रही होती है कि आप उनके साथ खड़े होने के लिए बहुत कमजोर इंसान हैं।

हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। इस तरह के भेदभाव के सामने आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों के खोखलेपन को उजागर करती है। वाड्रा ने कहा कि सरकार तालिबान के प्रतिनिधि की भारत यात्रा के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।

यदि महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक अपनी सुविधानुसार दिखावा मात्र नहीं है, तो फिर भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान हमारे देश में कैसे होने दिया गया, जबकि महिलाएं ही इसकी रीढ़ और गौरव हैं। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा- भारत में महिला पत्रकारों पर प्रतिबंध लगाना चौंकाने वाला और अस्वीकार्य है कि भारत सरकार ने इस पर सहमति जताई और वह भी देश की राजधानी में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की पूर्व संध्या पर।

मुत्तकी की हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई, जिसके बाद राजनीति गरमा गई है।

Share This Article