राहुल को संसद से अयोग्य ठहराना मोदी के अहंकार और तानाशाही की पराकाष्ठा : केसीआर

Sabal SIngh Bhati
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Sabal SIngh Bhati - Editor
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हैदराबाद, 24 मार्च ()। अपने राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराए जाने की निंदा की और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहंकार और तानाशाही की पराकाष्ठा करार दिया।

केसीआर ने एक बयान में कहा, भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में आज का दिन काला दिन है। राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता नरेंद्र मोदी के अहंकार और तानाशाही की पराकाष्ठा है। यह बेहद निंदनीय है कि मोदी सरकार न केवल संवैधानिक संस्थानों का दुरुपयोग कर रही है, बल्कि अपनी नापाक गतिविधियों के लिए सर्वोच्च लोकतांत्रिक मंच- संसद का भी उपयोग कर रही है।

केसीआर ने कहा कि यह लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों के लिए प्रतिकूल समय है। मोदी का शासन आपातकाल पर हावी हो गया है। विपक्षी नेताओं का उत्पीड़न एक नियमित बन गया है। अपराधियों और धोखेबाजों को बचाने के लिए विपक्षी नेताओं को अयोग्य ठहराकर मोदी अपने दम पर गिर रहे हैं।

यह कहते हुए कि यह पार्टियों के बीच संघर्ष का समय नहीं है, केसीआर ने कहा कि सभी डेमोक्रेट्स को देश में लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए भाजपा सरकार के कुकृत्यों की खुले तौर पर निंदा करनी चाहिए और भाजपा की दुष्ट नीतियों का विरोध करना चाहिए।

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य मंत्री केटी रामाराव ने कहा कि राहुल गांधी को अयोग्य ठहराना संविधान की घोर गलत व्याख्या है। उन्होंने ट्वीट किया, इस मामले में दिखाई गई जल्दबाजी बेहद अलोकतांत्रिक है, मैं इसकी निंदा करता हूं।

बीआरएस विधायक के कविता ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करना, यह जानते हुए भी कि उनके पास ऊपरी अदालतों में अपील करने का मौका है, लोकतंत्र पर एक धब्बा है। उन्होंने कहा, यह मोदी जी के अपनी विफलताओं, भ्रष्ट मित्रों और विपक्ष को दबाने से लोगों का ध्यान हटाने के मिशन का एक बड़ा हिस्सा है।

केसी/

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