फलौदी, राजस्थान। राजस्थान के फलौदी जिले में एक भीषण सड़क दुर्घटना में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दर्दनाक हादसा जयपुर से लगभग 400 किलोमीटर दूर मतोड़ा क्षेत्र में हुआ, जब तीर्थयात्रियों से भरी एक बस सड़क पर खड़े एक ट्रेलर में जा घुसी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस के परखच्चे उड़ गए। जानकारी के अनुसार, बस में सवार सभी यात्री बीकानेर के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कोलायत से दर्शन कर जोधपुर के सूरसागर लौट रहे थे।
फिलहाल दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। मुख्यमंत्री ने जताया दुख, दिए निर्देश हादसे की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर दुख व्यक्त किया। उन्होंने इसे अत्यंत दुखद और हृदयविदारक बताया। फलोदी के मतोडा क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुखद एवं हृदयविदारक है। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों को सभी घायलों का समुचित उपचार सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिए गए हैं।
प्रभु से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति दें… — Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) November 2, 2025 मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। घायलों के लिए बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। पुलिस कमिश्नर ओम प्रकाश पासवान ने बताया कि घायलों को बेहतर इलाज के लिए जोधपुर के अस्पताल पहुंचाया गया है।
इसके लिए एक ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया गया ताकि उन्हें जल्द से जल्द चिकित्सा सुविधा मिल सके। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस हादसे पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। मुझे पटना में अभी समाचार मिला है कि फलोदी के मतोडा में सड़क हादसे में 15 लोगों की मृत्यु हुई है। यह सुनकर मन बेहद दुखी है। मैं ईश्वर से सभी दिवंगतों को अपने श्रीचरणों में स्थान देने एवं उनके परिजनों को हिम्मत देने तथा घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 2, 2025 राज्य में हाल के बड़े बस हादसे यह घटना राजस्थान में हाल के महीनों में हुए बस हादसों की श्रृंखला में एक और दुखद कड़ी है। पिछले महीने ही जैसलमेर में एक स्लीपर बस में आग लगने से 26 लोग जिंदा जल गए थे। जांच में पता चला था कि आग एसी में शॉर्ट सर्किट से लगी थी और बस में आपातकालीन निकास की व्यवस्था नहीं थी।
इसी तरह, उत्तर प्रदेश से मजदूरों को लेकर आ रही एक बस मनोहरपुर इलाके में बिजली के तार की चपेट में आ गई थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। इन घटनाओं के बाद परिवहन विभाग ने अवैध बसों के खिलाफ अभियान भी चलाया था, लेकिन हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।


