राजस्थान में कोचिंग सेंटरों के लिए नए नियम लागू

Tina Chouhan

जयपुर। राजस्थान में कोचिंग सेंटर नियंत्रण कानून प्रभावी हो गया है। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने इसे मंजूरी दे दी। इसके बाद विधि विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी। इस कानून के साथ ही राज्यपाल ने मत्स्य क्षेत्र संशोधन कानून को भी मंजूरी दे दी। इन दोनों कानूनों को राजस्थान विधानसभा ने ध्वनि मत से पारित किया था। अब प्रदेश में 100 या इससे अधिक विद्यार्थियों वाले कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो गया है। यानी कि जिस संस्था में 100 छात्र होंगे, उसे कोचिंग माना जाएगा।

राजस्थान कोचिंग सेन्टर नियंत्रण और विनियमन विधेयक, 2025 तीन सितंबर को विधानसभा में पारित किया गया था। इस कानून के तहत उन सभी कोचिंग संस्थानों को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा, जिनमें सौ या इससे अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। नियमों के उल्लंघन करने पर पहली बार में 50 हजार और दूसरी बार में दो लाख रुपए जुर्माना होगा। इसके बाद भी अगर नियमों की अवहेलना की जाती है, तो कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। विद्यार्थियों को तनाव रहित अध्ययन के लिए प्रत्येक कोचिंग संस्थान में मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता और तनाव प्रबंधन के सेशन कराए जाएंगे।

परिजनों से नियमित संवाद की व्यवस्थाएं संस्थान की ओर से हो सकेंगी। इस कानून से कोचिंग सेंटर की ओर से मनमानी फीस वसूली पर अंकुश लगेगा। मॉनिटरिंग और नियमों की पालना जरूरी अब राज्य सरकार कोचिंगों पर मॉनिटरिंग और नियमों की पालना कराने के लिए जल्द ही राज्य स्तरीय कोचिंग सेंटर प्राधिकरण का गठन करेगी। जिला स्तर पर छात्रों की समस्या निवारण के लिए 24 घंटे संचालित होने वाले कॉल सेंटर भी बनाए जाएंगे। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में समितियां भी बनाई जाएगी। कोचिंग में किसी भी सरकारी स्कूल या कॉलेज के शिक्षक काम नहीं कर सकेंगे।

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