जयपुर। राजस्थान ने खरीफ गिरदावरी संवत 2082 में डिजिटल तकनीक और जनभागीदारी से अभूतपूर्व उपलब्धि अर्जित की है। इस बार गिरदावरी केवल सरकारी कार्य नहीं है, बल्कि यह किसानों, सर्वेयर और पटवारियों का साझा अभियान बन गया है। डिजिटल क्रॉप सर्वे (DCS) के तहत अब तक 42 हजार से अधिक ग्रामों के लक्ष्य की कुल 32 फीसदी उपलब्धि अर्जित करते हुए राज्य में अब तक एक करोड़ से अधिक खसरों की फोटोयुक्त व लोकेशन आधारित गिरदावरी (DCS) की जा चुकी है।
राजकिसान गिरदावरी एप के माध्यम से विगत एक अगस्त को राज्य भर में आरंभ हुए ऑनलाइन अभियान के तहत अब तक अकेले किसानों के स्तर से 10 लाख से अधिक खसरों की गिरदावरी की जा चुकी है जो किसानों द्वारा एप के आधार पर अब तक की गई गिरदावरी का कीर्तिमान है। गूगल प्लेस्टोर पर राजकिसान गिरदावरी एप डाउनलोड कर कोई भी किसान अपने मोबाइल फोन पर स्वयं गिरदावरी कर सकता है। राज्य के सीकर, नागौर, चूरू एवं डीडवाना-कुचामन जिलों में 60 फीसदी से अधिक गिरदावरी की जा चुकी है।
इसी प्रकार बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, फलोदी तथा सवाईमाधोपुर जिले में किसानों द्वारा स्वयं गिरदावरी का उत्कृष्ट कार्य किया गया हैं। कृषक स्तर से ऑनलाइन गिरदावरी का बढ़ता आंकड़ा आपका खसरा, आपकी गिरदावरी, आपका अधिकार के ध्येय वाक्य को चरितार्थ कर रहा है। खरीफ संवत 2082 के तहत डीसीएस कार्य 15 अक्टूबर 2025 तक किया जा रहा है। सभी ग्रामों में बेरोजगारी भत्ता प्राप्त युवा, पटवार सहायक अथवा ग्राम प्रतिहारी, कृषक मित्र, कृषि सखी, ई-मित्र संचालक व ग्राम के युवाओं को भी गिरदावरी कार्य से जोड़ा जा रहा है।
पटवारी स्तर पर चयनित प्राइवेट सर्वेयर भी गिरदावरी कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। गत रबी गिरदावरी के दौरान लगभग 40 हजार सर्वेयर नियुक्त किए गए थे। खरीफ 2082 में भी प्राइवेट सर्वेयर के सहयोग से राजस्थान में गुणवत्तापूर्ण व सटीक गिरदावरी कार्य किया जा रहा है। यह केवल आँकड़ों की कहानी नहीं है, बल्कि यह प्रदेश के किसानों की मेहनत, भागीदारी और विश्वास की गाथा है। राजस्थान राज्य खरीफ गिरदावरी 2025 को लेकर अब पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण बनने जा रहा है।