झुंझुनू। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा है कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह चरमरा गया है। जूली रविवार को झुंझुनू में संगठन सृजन अभियान में शामिल होने आए थे। इस दौरान उन्होंने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान में जिन दवाओं की जरूरत है, वे खरीदी नहीं जा रही हैं और जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, उन्हें मुफ्त में बांटा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में दिल्ली में जिस कंपनी को दुष्प्रभाव वाली दवाएं बनाने के कारण प्रतिबंधित किया गया था, राजस्थान में वही सिरप बच्चों को बांटा जा रहा है। जूली ने कहा कि यह बहुत बड़ी लापरवाही है। राज्य सरकार को यह तक नहीं पता कि कौन सी दवा बांटी जा रही है। वह राज्य के अस्पतालों की स्थिति देखने के बजाय दिल्ली दौरों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। बाड़मेर में दवा नहीं मिलने से बच्ची की मौत हो गई है। कई जगह चिकित्सक नहीं हैं और अस्पतालों में अपर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं हैं।
यह सरकार लोगों की जान से खेल रही है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के प्रदेशाध्यक्ष की गिरफ्तारी पर भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा शासन में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। हमारे बच्चे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोगों ने उन पर लाठियां बरसाईं। शिक्षा के मंदिरों को राजनीतिक अखाड़ा बनाया जा रहा है। यह वही आरएसएस है जिस पर सरदार पटेल ने प्रतिबंध लगा दिया था।
जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर व्यंग्य करते हुए कहा कि उन्हें अब मोदी चालीसा पढ़ना बंद कर जनता के दुखदर्द पर ध्यान देना चाहिए। राजस्थान की जनता ने उन्हें सत्ता दी है, लेकिन वे सत्ता के अहंकार में डूब गए हैं। जनता ने इसलिए नहीं जिताया कि वे दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को समझना चाहिए कि जनता की सेवा ही सच्ची राजनीति है। राज्य में पेंशन योजना से लेकर स्वास्थ्य तंत्र तक सब कुछ चरमराया हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री राजनीतिक कार्यक्रमों और दिल्ली दौरों में व्यस्त हैं।