खींवसर के विधायक बने नारायण बेनीवाल, सांसद हनुमान बेनीवाल की प्रतिष्ठा थी दांव पर
राजस्थान की हॉट सीटों में से एक खींवसर के नए विधायक हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल होंगे. यहां हुए उपचुनाव में नारायण बेनीवाल ने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा को 4630 मतों से शिकस्त दे दी है।

खींवसर, नागौर. राजस्थान की हॉट सीटों में से एक खींवसर के नए विधायक नारायण बेनीवाल बन गए. यहां हुए उपचुनाव में एनडीए के प्रत्याशी नारायण बेनीवाल ने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा को शिकस्त दे दी है.
जीत का ऐलान होने के बाद नारायण बेनीवाल के समर्थकों ने जगह-जगह पर खुशियां मनाई. समर्थकों-कार्यकर्ताओं एक दूसरे का मुंह मीठा कर जीत की बधाई दे रहे हैं. वहीं कई जगहों पर आतिशबाज़ी करके भी जीत का जश्न मनाया जा रहा है.
लोकसभा में खींवसर से हनुमान बेनीवाल को मिली थी 55 हजार वोटो की बढ़त
नारायण बेनीवाल ने इस उपचुनाव को 4630 मतों के अंतर से दर्ज की है. नारायण बेनीवाल खेमे में ख़ुशी के माहौल के साथ चिंता है कि हनुमान बेनीवाल का गढ़ माने जाने वाली विधानसभा में 50 हजार मतदाता कैसे नाराज हो गए.
लोकसभा चुनाव में नागौर की खींवसर विधानसभा ने हनुमान बेनीवाल ने 55 हजार मतों से बढ़त दर्ज करवाई थी, लेकिन चार महीने बाद हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने से खाली हुई सीट पर उनके भाई नारायण को मामूली बढ़त से जीत हासिल हुई है.
पहले छह राउंड तक हरेंद्र मिर्धा बनाये रहे बढ़त
सुबह आठ बजे से शुरू हुई काउंटिंग में राउंड दर राउंड दोनों प्रत्याशियों के बीच मुकाबला रोचक बनता रहा. शुरूआती रुझानों में हरेंद्र मिर्धा ने बढ़त बनाये रखी. लेकिन छह राउंड तक पिछड़ने वाले आरएलपी प्रत्याशी नारायण बेनीवाल ने उसके बाद बढ़त बनाते रहे.
सांसद हनुमान बेनीवाल की प्रतिष्ठा थी दांव पर
खींवसर सीट जीताने की पूरी ज़िम्मेदारी नागौर के मौजूदा सांसद हनुमान बेनीवाल पर थी. एनडीए के प्रत्याशी नारायण बेनीवाल को जिताने के लिए खुद बेनीवाल ने प्रचार अभियान की कमान संभाली. ऐसे में इस सीट पर भाजपा और रालोपा पार्टी से ज़्यादा हनुमान बेनीवाल की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा दांव पर ज़्यादा थी.