भारत-पाक सीमा के निकट स्थित जैसलमेर जिले के पोकरण उपखंड का रामदेवरा गांव समय के साथ विकसित हो रहा है। यहां सुविधाएं और आवागमन के साधन बढ़ रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। पिछले 10 वर्षों में श्रद्धालुओं की संख्या 25 से 50 लाख तक पहुंच गई है। आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ने की संभावना है। प्रशासनिक व्यवस्थाएं इस बढ़ती संख्या के लिए अपर्याप्त हैं, जिससे श्रद्धालुओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए यहां यात्री सुविधाओं का विस्तार आवश्यक है।
सरकार को रामदेवरा के लिए एक अलग मास्टर प्लान बनाना चाहिए ताकि यात्रियों को कोई कठिनाई न हो। भादवा मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु रामदेवरा आते हैं, और माघ माह तथा नवरात्र के समय भी हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। हर महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करते हैं। रामदेवरा मेला भविष्य में आस्था का एक बड़ा केंद्र बनने जा रहा है, जिसकी भव्यता आज की कल्पनाओं से भी आगे होगी।
उस समय रामदेवरा केवल एक कस्बा नहीं रहेगा, बल्कि देशभर से आने वाली आस्था का संगम स्थल होगा। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के साथ चुनौतियां भी बढ़ेंगी। यदि समय रहते सुविधाओं और प्रबंधन में सुधार नहीं किया गया, तो बढ़ती भीड़ इस आस्था के महाकुंभ को कठिन यात्रा में बदल सकती है। इसलिए भविष्य की तैयारी अभी से आवश्यक है।