जब भी कोई बैंक और एनबीएफसी आरबीआई द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते, तब केंद्रीय बैंक कठोर कदम उठाता है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने तीन बैंकों पर जुर्माना लगाया था। अब कई नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के खिलाफ सख्ती दिखाई गई है। ग्राहकों के हितों की सुरक्षा और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए एनबीएफसी का सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन यानी लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। इस सूची में शामिल दो कंपनियों ने एनबीएफआई व्यवसाय से बाहर होने पर अपना सीओआर आरबीआई को सरेंडर किया है।
इस कार्रवाई की जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 11 नवंबर 2025 को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है। इन कंपनियों को बिजनेस करने की अनुमति नहीं है। राजस्थान के जयपुर में स्थित जम्बो फिनवेस्ट (इंडिया) लिमिटेड और गुजरात के राजकोट में स्थित चैंपियन एग्रो फाइनेंशियल लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। जंबो फिनवेस्ट इंडिया लिमिटेड को 24 अक्टूबर 2011 को सीओआर जारी किया गया था, जिसे 14 अक्टूबर 2025 को रद्द करने का आदेश दिया गया।
वहीं चैंपियन एग्रो फाइनेंशियल लिमिटेड को 2 अगस्त 2010 में लाइसेंस जारी किया गया था, जिसे रद्द करने का आदेश 15 अक्टूबर 2025 को जारी किया गया। मुंबई के परिचय प्राइवेट लिमिटेड और उत्तर प्रदेश के रेणुका इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंशियल लिमिटेड ने अपना सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन सरेंडर कर दिया है। लाइसेंस रद्द होने के बाद आरबीआई एक्ट 1934 के प्रावधानों के तहत इन कंपनियों को नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के रूप में लेनदेन करने से रोका गया है। अक्टूबर में भी कई एनबीएफसी पर कार्रवाई की गई थी।
अक्टूबर महीने में 21 एनबीएफसी का सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन आरबीआई द्वारा रद्द किया गया था। एनबीएफआई व्यवसाय पर रोक लगाई गई थी। वहीं 13 नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और एक एचसीएफसी ने खुद अपना लाइसेंस सरेंडर किया था। इससे संबंधित नोटिफिकेशन केंद्रीय बैंक द्वारा 13 अक्टूबर 2025 को जारी किया गया था।


