जयपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) की शुक्रवार को हुई एजीएम में नया चुनाव अहम मुद्दा रहा। सदस्यों ने जिला संघों की उपेक्षा का सवाल भी उठाया। बैठक के बाद एडहॉक कमेटी के कन्वीनर डीडी कुमावत ने दावा किया कि सभी विषयों पर सौहार्दपूर्ण माहौल में चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि चौप में निर्माणाधीन स्टेडियम के साथ उदयपुर और जोधपुर स्टेडियमों में आवश्यक कार्यों के लिए उन्हें अधिकृत किया गया। वहीं पूर्व एडहॉक कमेटी द्वारा की गई ओम्बुड्समैन की नियुक्ति और विभिन्न कमेटियों के गठन के फैसले रद्द कर दिए गए।
बैठक की शुरुआत प्रदेश के दिवंगत टेस्ट क्रिकेटरों और आरसीए में योगदान देने वाले पदाधिकारियों को श्रद्धांजलि के साथ हुई। निर्विरोध चुनाव का समर्थन एजीएम में दौसा जिला संघ के सचिव बृजकिशोर उपाध्याय ने आरसीए में जल्द निर्विरोध चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार नामांकन पत्र के साथ ही नामांकन वापसी पत्र पर हस्ताक्षर करने को भी तैयार हैं, ताकि सर्वसम्मति से पदाधिकारी चुने जा सकें। इस पर सभी सदस्यों ने सहमति जताई।
कन्वीनर डीडी कुमावत ने भी समर्थन जताया, लेकिन बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि पहले जिला संघों के चुनाव कराए जाएंगे, उसके बाद ही आरसीए का चुनाव होगा। जिला संघों को साथ लेकर चलें सिस्टर जिला संघ के सचिव सुभाष जोशी और जैसलमेर के सचिव विमल शर्मा ने जिला संघों की उपेक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि किसी भी निर्णय में जिला संघों से कोई राय नहीं ली जा रही। उनका कहना था कि जिला संघ की आरसीए की प्राथमिक इकाई हैं। आरसीए के निर्णयों में जिला संघों की सहभागिता होनी चाहिए।
क्रिकेट संचालन में अनुभवी लोगों का सहयोग लिया जाए। चार जिला संघों पर गिर सकती है गाज एजीएम के बाद सदस्यों के बीच चार जिलों को लेकर चर्चा सुनी गई। बताया जा रहा है कि एजेंडा के प्रस्ताव पर इन जिलों के साइन भी नहीं कराए गए हैं। इन जिलों पर जल्दी ही गाज गिर सकती है। एजेंडा पर नहीं हुई कोई चर्चा: विनोद बिना चर्चा के ही साइन हो गए: डीडी विनोद सारण ने आरोप लगाया कि एजेंडे के बिंदुओं पर चर्चा ही नहीं हुई और न ही सदस्यों को एजेंडा पढ़कर सुनाया गया।
उन्होंने कहा, बैठक में सिर्फ एजेंडा से इतर मुद्दों पर ही बातें हुईं। जबकि कन्वीनर डीडी कुमावत ने जवाब दिया कि बैठक शुरू होते ही सदस्यों ने कहा कि सभी ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसलिए एजेंडे पर अलग से चर्चा की जरूरत नहीं रही। उन्होंने दावा किया कि सभी सदस्यों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया गया।