पुननिर्मित कबूतरों के चबूतरे का हुआ शुभारंभ

Kheem Singh Bhati
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बाड़मेर। जिस स्थान पर गाय का वास होता है वहां चराचर प्रकृति एवं सम्पूर्ण प्राणी मात्र का पोषण होता है श्री पथमेड़ा गोचिकित्सालय में आज जिस कबूतरों के चबूतरे का पुननिर्मित किया गया यहां पर प्रतिदिन हजारों पक्षी दाना चुगने के लिए आते हैं।

इस सेवा में सहयोग करने वाले हेमाराम जाणी,सवाई कुमार चावड़ा के परिवारों के पुण्य में अनग्रत वृध्दि होती रहे यह गोमाता के शरणो में प्रार्थना।’ उक्त उदगार श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के केन्द्रीय सचिव व श्री पथमेड़ा गोचिकित्सालय बाड़मेर के अध्यक्ष आलोक सिंहल ने पुननिर्मित कबूतरों के चबूतरे का शुभारंभ करते हुये व्यक्त किये।

वरिष्ठ गोभक्त पदमसिंह राजपुरोहित उतरलाई ने इस अवसर पर सभी से गोसेवा में जुड़ने का आहवान करते हुये का उतरलाई बांदरा रोड़ पर अपने परिवार की और से गोशाला निर्माण हेतु एक बीघा भूमि समर्पित करने का संकल्प पूर्ण किया।

इस अवसर पर भामाशाहों का स्वागत करते हुये गोचिकित्सालय के महामंत्री आनन्द पुरोहित ने गोचिकित्सालय की सम्पूर्ण जानकारी देते हुये सभी से सहयोग करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर अध्यक्ष आलोक सिंहल,महामंत्री आनन्द पुरोहित,जेताराम परमार, मुकेश मालू, स्वरूप संकलेचा,मुल्तान जांगिड़, दिनेश परमार, अशोक शर्मा,खरथाराम चौधरी, कंवराजसिंह राठौड़,आलाराम सरपंच भादरेश,दिलीप लोहिया,राजूराम बेनिवाल,जीतेन्द्रसिंह राठौड़,मोटाराम बेनिवाल,सोहनसिंह,रिणछाराम प्रजापत,धनराज शर्मा सहित अन्य गोभक्त भी उपस्थित रहे।

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