आदिवासी क्षेत्र पिछड़ेपन के प्रतीक बन गए और कांग्रेस सरकारें नर्मदा को देखती रहीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि राजनीतिक सशक्तीकरण के बिना विकास अधूरा है और इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार आदिवासी समाज को राष्ट्र के सर्वोच्च पदों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज या समुदाय के संपूर्ण विकास के लिए राजनीतिक नेतृत्व और लोकतंत्र में उसकी समान भागीदारी अत्यंत आवश्यक होती है। प्रधानमंत्री गुजरात के नर्मदा जिले के डेढ़ियापाड़ा में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने इस अवसर पर लगभग 9,700 करोड़ रुपये की सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी और कनेक्टिविटी से संबंधित परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि यह निवेश आदिवासी क्षेत्रों की जीवन गुणवत्ता में बड़ा बदलाव लाएगा। आदिवासी समाज ने भारतीय सभ्यता, संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम में जो योगदान दिया है, वह अतुलनीय है, लेकिन दशकों तक इस योगदान को नजरअंदाज किया गया। भाजपा सरकार ने आदिवासी समाज के सम्मान, स्वाभिमान और विकास को प्राथमिकता देकर इस ऐतिहासिक उपेक्षा को दूर करने का काम किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में प्रतिनिधित्व केवल प्रतीकात्मक नहीं होना चाहिए, बल्कि वास्तविक शक्ति-हस्तांतरण का माध्यम होना चाहिए। उन्होंने कहा, आज देश की राष्ट्रपति एक आदिवासी महिला हैं। यह केवल सम्मान नहीं, बल्कि वह प्रेरणा है जो बताती है कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था हर नागरिक को उच्चतम पद तक पहुंचने का अवसर देती है। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि आजादी के बाद छह दशकों तक शासन करने के बावजूद कांग्रेस ने आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के अभाव को दूर करने का कोई वास्तविक प्रयास नहीं किया।
कुपोषण, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, शिक्षा का अभाव और कनेक्टिविटी की समस्याएं, ये सब कांग्रेस की निष्क्रियता का नतीजा थे। भाजपा सरकार ने इस अन्याय को खत्म करने का संकल्प लेकर काम किया है। मोदी ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पहली बार जनजातीय मंत्रालय का गठन कर आदिवासी कल्याण को संस्थागत रूप दिया, लेकिन कांग्रेस की बाद की सरकारों ने इस मंत्रालय की उपेक्षा की। मोदी ने कहा कि एक समय गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में विज्ञान की शिक्षा देने वाला एक भी स्कूल नहीं था। मुख्यमंत्री के रूप में हमने व्यापक सुधार किए।
आज इन्हीं क्षेत्रों में 10 हजार से अधिक स्कूल संचालित हैं। आदिवासी बच्चों को उच्च शिक्षा, खेल और तकनीकी शिक्षा के लिए नई राहें मिल रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया आदिवासी समुदाय के लिए बड़ी चुनौती रही है। जनजातीय क्षेत्रों में डिस्पेंसरी, अस्पताल और मेडिकल सेंटरों की संख्या बढ़ाई गई है तथा राष्ट्रीय स्तर पर सिकल सेल उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। मोदी ने कहा कि आज हर बड़े खेल आयोजन में आदिवासी इलाकों से खिलाड़ी चमक रहे हैं।
भारत की महिला क्रिकेट टीम ने हाल ही में विश्व कप जीता और इसमें हमारी आदिवासी बेटी ने अहम भूमिका निभाई। यह सिर्फ खेल की जीत नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के नए आत्मविश्वास की जीत है।


