राजद व जद (यू) ने की नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा (लीड)

Sabal SIngh Bhati
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पटना, 24 मई ()। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (यूनाइटेड) ने विपक्षी दलों के साथ बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की। कार्यक्रम का बहिष्कार करने वालों में कांग्रेस, आप, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना (यूबीटी), समाजवादी पार्टी और एनसीपी शामिल हैं।

यहां मीडिया को संबोधित करते हुए, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन उचित कदम नहीं है।

राजद नेता ने कहा, संविधान के अनुसार, देश का राष्ट्रपति संसद का सर्वोच्च नेता होता है। इसलिए, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन का उद्घाटन करने का अधिकार है। यह अत्यंत आपत्तिजनक है कि राष्ट्रपति की उपस्थिति के बावजूद, प्रधान मंत्री उद्घाटन करेंगे।

उन्होंने कहा, केंद्र सरकार का कदम असंवैधानिक है, इसलिए हमने संसद के पहले सत्र का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

पत्रकारों से बात करते हुए जद (यू) के नीरज कुमार, आप (मोदी) में हमारे बड़ों का अपमान करने की संस्कृति है। नया संसद भवन बनाने की क्या प्रासंगिकता है? यह तुच्छ के अलावा कुछ नहीं है।

उन्होंने कहा, महामारी के दौरान, आपने कोविड पीड़ितों को एक छोटी राशि दी। (बिहार) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वतंत्रता सेनानियों की तीसरी पीढ़ी के लिए 2 प्रतिशत का आरक्षण दे रहे हैं, लेकिन आप ऐसा नहीं कर रहे हैं। अग्निवीर जवानों को पेंशन देने का कोई प्रावधान नहीं है।

उन्होंने कहा, देश में महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है। इन सबसे ऊपर आपने एक नया संसद भवन बनाया है, जो बताता है कि आपके मन में हमारे पूर्वजों के प्रति कोई सम्मान नहीं है।

यह सिर्फ एक और राजनीतिक कवायद है, इसलिए हमारी पार्टी इसमें भाग नहीं लेगी।

दिन में अपने एक बयान में राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कदम परंपरा व संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है।

फोन पर से बात करते हुए जदयू नेता के.सी. त्यागी ने कहा, पार्टी विपक्षी एकता का प्रचार कर रही है। और अधिकांश विपक्षी दल उद्घाटन का बहिष्कार करना चाहते हैं क्योंकि सरकार ने किसी को विश्वास में नहीं लिया, और दूसरा इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए था।

त्यागी ने आगे कहा कि नई और पुरानी इमारतों का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि सरकार विपक्ष को चर्चा करने की अनुमति नहीं देती है और असहमति के स्वरों को प्रकट नहीं होने देती।

उन्होंने से कहा, परंपराओं पर अंकुश लगाया जा रहा है, इसलिए विपक्ष के समर्थन का समर्थन करने के लिए समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

ताजा घटनाक्रम उस विवाद के बीच आया है, जो कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मांग किए जाने के बाद भड़का था कि राष्ट्रपति मुर्मू को मोदी के बजाय नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए।

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