राजस्थान में बढ़ते सड़क हादसों के मद्देनजर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सड़क सुरक्षा के प्रति सख्त रुख अपनाया है। जयपुर के हरमाड़ा क्षेत्र में हुए गंभीर हादसे के बाद मुख्यमंत्री आवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि शराब पीकर वाहन चलाने वालों का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जाएगा। इसके अलावा, 4 नवंबर से अगले 15 दिनों तक प्रदेशभर में परिवहन, पुलिस और सार्वजनिक निर्माण विभाग मिलकर सड़क सुरक्षा अभियान चलाएंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिला सड़क सुरक्षा समिति की नियमित बैठकें नहीं लेने वाले जिलों के कलेक्टरों से जवाब मांगा जाए।
उन्होंने कहा कि भारी वाहनों के लाइसेंस नवीनीकरण के दौरान आंखों की जांच रिपोर्ट गलत पाए जाने पर संबंधित डॉक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने 15 नवंबर से 15 फरवरी तक ट्रक चालकों की आंखों की जांच करवाने के निर्देश दिए। सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों को एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया। मुख्यमंत्री ने परिवहन और पुलिस विभाग को यह भी कहा कि शराब पीकर वाहन चलाने और ओवरस्पीड के बार-बार चालान होने पर चालक का लाइसेंस निरस्त किया जाए।
उन्होंने प्रदेश के ब्लैक स्पॉट्स को जल्द ठीक करने और राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों पर अवैध कट्स को बंद करने के आदेश दिए। साथ ही, जयपुर-कोटा, जयपुर-दिल्ली, जयपुर-अजमेर और जयपुर-भरतपुर हाईवे पर चालकों के लिए नए आराम स्थलों के निर्माण के लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए। अवैध ढाबों और पार्किंग स्थलों को हटाने का आदेश भी दिया गया। सभी राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर संकेतक स्पष्ट रूप से लगे होने चाहिए। हाइवे पर तय स्थानों के अलावा कहीं भी वाहन रोकने पर चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इन कार्यों की निगरानी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी करेंगे। मुख्यमंत्री ने ट्रांसपोर्ट कंपनियों को भी चेतावनी दी कि वे अपने चालकों से ओवरटाइम ड्राइविंग नहीं करवाएं, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। सर्दियों में कोहरे से सुरक्षा के लिए सड़क किनारे रिफलेक्टर लगाए जाएंगे। नए लाइसेंस जारी करने और नवीनीकरण के समय सभी नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।


