जयपुर। अब किडनी ट्रांसप्लांट भी रोबोट तकनीक के जरिए होने लगे हैं। हाल ही में महात्मा गांधी अस्पताल में एक दिन में दो रोगियों में किडनी प्रत्यारोपण रोबोट की सहायता से किये गए। उल्लेखनीय है कि देश में बहुत कम केंद्र हैं जहां एक दिन में दो किडनी ट्रांसप्लांट इस पद्धति से किए गए हैं। रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ नृपेश सदासुखी ने बताया कि रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट रोगी तथा सर्जन दोनों के लिए बेहद उपयोगी तकनीक है। इसमें ऑपरेशन में छोटा चीरा लगाया जाता है जिससे रक्तस्राव और दर्द भी कम होता है।
इसमें प्रयुक्त रोबोटिक आर्म्स 360 डिग्री घूम सकते हैं और बेहद नाजुक रक्तवाहिनियों को बिना नुकसान पहुँचाए जोड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद मरीज को सामान्य होने में कम समय लगता है। अस्पताल में कम समय तक भर्ती रहना होता है। इससे संक्रमण की संभावना भी कम हो जाती है। घाव जल्दी भर जाता है और केवल छह दिन में छुट्टी हो जाती है। यह सर्जरी सौंदर्य की दृष्टि से देखे तो यह युवा महिला रोगियों के लिए अधिक उपयोगी होती है। छोटे चीरे के निशान भी समय के साथ कम हो जाते हैं।
इसके अलावा मोटापा प्रभावित मरीजों में रोबोटिक तकनीक सर्जन मदद देती है। इसके अलावा पहले से पेट की सर्जरी करा चुके रोगियों, डायबिटिक रोगियों के लिए भी अधिक उपयोगी होती है। हाल ही में इक्यावन वर्षीय किडनी रोगी महेंद्र को अधिक वजन तथा ब्लड प्रेशर होने की वजह से रोबोटिक तकनीक से किडनी प्रत्यारोपित की गई। किडनी उनकी पत्नी सुनीता ने दी थी। और अब दोनों स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इसी तरह नरेंद्र नामक किडनी रोगी दो माह से डायलिसिस करा रहे थे। मैच होने पर उनकी माता ने किडनी डोनेट की।
रोबोटिक सर्जरी से उन्हें किडनी लगा दी गई। दोनों रोगी अब ठीक हैं और शीघ्र ही छुट्टी दे दी जाएगी।