गुलाब के पत्ते गिरने के कारण और उनके समाधान जानें

vikram singh Bhati

हर किसी के घर या बगीचे में गुलाब के पौधे का एक विशेष स्थान होता है। इसकी खुशबू और सुंदरता मन को सुकून देती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बिना किसी स्पष्ट कारण के गुलाब के पौधे के पत्ते सूखकर गिरने लगते हैं। आप सोचते हैं कि आपने सही तरीके से पानी दिया और धूप भी लगवाई, फिर भी गुलाब की स्थिति खराब क्यों हो रही है?

इसका उत्तर केवल कम पानी या अधिक धूप में नहीं है, बल्कि इसके पीछे मिट्टी की स्थिति, पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता और वातावरण की नमी जैसी कई महत्वपूर्ण बातें जुड़ी होती हैं। 1. अधिक या कम पानी देना: गुलाब के पौधे को पानी देना एक कला है। अगर आप रोजाना बिना सोचे समझे पानी देते हैं, तो यह उसकी जड़ों को सड़ा सकता है। वहीं, बहुत कम पानी देने पर पौधा सूखने लगता है। मिट्टी को उंगली से हल्का दबाकर देखें, अगर नमी महसूस हो रही है तो उस दिन पानी न दें।

गर्मियों में सुबह या शाम के समय ही पानी दें। पौधे की जड़ के पास पानी दें, पत्तों पर नहीं। 2. मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी: गुलाब एक ऐसा पौधा है जिसे पोषक तत्वों से भरपूर, हल्की और जल-निकास वाली मिट्टी चाहिए। अगर मिट्टी में नाइट्रोजन या मैग्नीशियम की कमी हो जाए, तो पत्ते कमजोर होकर गिरने लगते हैं। हर 15 दिन में ऑर्गेनिक खाद जैसे गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालें। आप चाहें तो मिट्टी में बोनमील या नीमखली भी मिला सकते हैं। केमिकल फर्टिलाइज़र से बचें, खासकर गर्मी के दिनों में। 3.

धूप की कमी या अधिक धूप: गुलाब को प्रतिदिन कम से कम 4–6 घंटे की धूप चाहिए होती है। लेकिन अगर पौधा बहुत तेज धूप में रखा हो, खासकर दोपहर के समय, तो पत्ते जलने लगते हैं और धीरे-धीरे झड़ जाते हैं। पौधे को ऐसी जगह रखें जहां सुबह की धूप और दोपहर की हल्की छांव मिले। सर्दियों में गुलाब को खुली धूप में रखें। अगर आप इनडोर गुलाब लगा रहे हैं, तो समय-समय पर उसे बाहर धूप दिखाएं। 4.

कीट और फफूंदी का प्रकोप: अगर गुलाब के पत्तों पर काले या भूरे धब्बे नजर आने लगें, तो समझ लें कि पौधा फफूंदी या कीट से ग्रस्त हो गया है। यह स्थिति अक्सर ब्लैक स्पॉट डिज़ीज़ या एफिड्स के कारण होती है। नीम के तेल का स्प्रे हफ्ते में दो बार करें। पत्तियों के नीचे की सतह को ध्यान से साफ करें। संक्रमित पत्तों को तुरंत काट दें ताकि रोग आगे न फैले। कभी भी पौधे पर देर शाम पानी न डालें, इससे फफूंदी बढ़ती है। 5.

तापमान और हवा का असर: गुलाब को ठंडी और नमी वाली हवा पसंद होती है। अगर मौसम अचानक बदल जाए जैसे बहुत तेज गर्मी, सर्द हवा या लगातार बारिश तो पौधा तनाव में आ जाता है, जिससे पत्ते झड़ने लगते हैं। पौधे को तेज हवा या लगातार बारिश से बचाएं। तापमान में बदलाव के समय मिट्टी की नमी को नियंत्रित रखें। सर्दियों में पौधे को कमरे के अंदर रखें, लेकिन हवा आने दें। 6. गमले का आकार और जड़ों की स्थिति: कई बार गुलाब के पत्ते इसलिए गिरने लगते हैं क्योंकि उसकी जड़ें फैल नहीं पा रहीं।

छोटा गमला जड़ों को बढ़ने से रोकता है, जिससे पौधा कमजोर पड़ जाता है। हर 8–10 महीने में पौधे को बड़े गमले में री-पॉट करें। गमले में नीचे छोटे छेद रखें ताकि पानी रुके नहीं। मिट्टी बदलते समय पुरानी जड़ों को हल्का ट्रिम करें। 7. गलत स्प्रे या अत्यधिक खाद का प्रयोग: कई लोग सोचते हैं कि ज्यादा खाद डालने से पौधा जल्दी खिलेगा, लेकिन यह एक बड़ी भूल है। अधिक मात्रा में खाद डालने से पौधे की जड़ें जल जाती हैं। पौधे पर केवल ऑर्गेनिक उर्वरक का प्रयोग करें।

स्प्रे या फर्टिलाइज़र का उपयोग हफ्ते में एक बार से ज्यादा न करें। खाद डालने के बाद तुरंत पानी दें ताकि पौधे पर असर संतुलित रहे। गुलाब के पौधे की देखभाल के आसान घरेलू टिप्स: सुबह-सुबह पौधे पर हल्का पानी स्प्रे करें। सूखे या पीले पत्तों को तुरंत काट दें। हर 15 दिन में तुलसी या नीम के पत्तों का रस स्प्रे करें, यह प्राकृतिक कीटनाशक का काम करता है। पौधे के आसपास घास या खरपतवार न बढ़ने दें। गुलाब के पौधे को कभी भी पूरी तरह छांव में न रखें।

गुलाब की देखभाल के वैज्ञानिक कारण और लाभ: गुलाब का पौधा न केवल सुंदरता का प्रतीक है बल्कि यह एयर प्यूरिफायर भी होता है। यह घर की हवा को शुद्ध करता है और तनाव को कम करने में मदद करता है। लेकिन जब इसकी देखभाल में लापरवाही होती है, तो इसका प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाता है। अगर आप अपने गुलाब को समझकर उसकी जरूरतों को पूरा करेंगे पानी, धूप और पोषक तत्वों का संतुलन तो यह न केवल ज्यादा दिन तक जिंदा रहेगा, बल्कि पूरे साल खिलता रहेगा।

Share This Article
Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal