राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसाबले ने संघ पर प्रतिबंध की मांगों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस शासित सरकारों ने तीन बार प्रतिबंध लगाने की कोशिश की, लेकिन हर बार जनसमर्थन और न्यायिक जांच के कारण संघ और मजबूत होकर उभरा। उन्होंने इतिहास से सीखने की सलाह देते हुए कहा कि समाज और अब सरकार ने भी संघ को स्वीकार कर लिया है। होसाबले ने प्रतिबंध की मांग पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या यह किसी की इच्छा मात्र से हो सकता है?
उन्होंने संघ के राष्ट्र निर्माण और समाज सशक्तिकरण में योगदान पर जोर दिया। यह बयान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की मांग के एक दिन बाद आया है। आरएसएस पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग खड़गे ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरएसएस पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग की और सरदार वल्लभभाई पटेल का हवाला देते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस गतिविधियों में भाग लेने से रोकना चाहिए। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा 9 जुलाई 2024 को हटाए गए इस प्रतिबंध को बहाल करने की मांग की।
पटेल की विरासत को नजरअंदाज करने का आरोप बीजेपी ने कांग्रेस पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि दशकों तक पटेल की विरासत को नजरअंदाज करने वाली कांग्रेस अब केवल आरएसएस को निशाना बनाने के लिए उनका नाम ले रही है। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार और बीजेपी के बीच भी आरएसएस गतिविधियों को लेकर तनाव चल रहा है।

