जयपुर। परिवहन विभाग की एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में आरटीओ प्रथम जयपुर ने 1800 से अधिक परमिट निरस्त कर दिए। आरटीओ राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि ये परमिट उन वाहनों के थे, जो लंबे समय से नियमों का उल्लंघन करते हुए शहर में चल रहे थे। इनमें से अधिकांश वाहन 15 वर्ष से पुराने थे, जबकि “नॉन अटेनमेंट सिटी” में इतने पुराने व्यावसायिक वाहनों का संचालन पूरी तरह निषिद्ध है। इसके बावजूद इन वाहनों के परमिट ऑनलाइन सक्रिय थे, जिससे व्यापक स्तर की गड़बड़ी सामने आई।
आरटीओ ने बताया कि पोर्टल पर ऑटो-लॉक की व्यवस्था नहीं होने के कारण वर्षों से पुराने वाहनों के परमिट नवीनीकरण और संचालन में गड़बड़ी होती रही। इस कार्रवाई में सिटी बसों, उपनगरीय मार्गों पर चलने वाली बसों, मैजिक वाहनों और बाल वाहिनी सहित कई श्रेणियों के परमिट निरस्त किए गए। शेखावत ने मुख्यालय को पत्र लिखकर दिल्ली की तरह सॉफ्टवेयर में ऑटो-लॉक व्यवस्था लागू करने की मांग की है। एनआईसी पोर्टल में संशोधन होने के बाद पंद्रह साल से पुराने वाहन स्वतः डी-रजिस्टर्ड हो जाएंगे, जिससे उन पर प्रवर्तन कार्यवाही करना और आसान हो जाएगा।
इस सख्ती से शहर में प्रदूषण नियंत्रण और परिवहन व्यवस्था में पारदर्शिता आने की उम्मीद जताई जा रही है।