भरतपुर। मोती महल पर रियासतकालीन झण्डा फहराने के लिए दिए गए अल्टीमेटम को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने रविवार सुबह 6 बजे से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। जैसे ही रात को पुलिस का दस्ता महल के बाहर से हटा, मनुदेव सिनसिनी ने अपनी एसयूवी गाड़ी से महल के गेट को टक्कर मारकर तोड़ दिया और अंदर घुस गए। उन्होंने मोती महल प्रांगण में रियासतकालीन झण्डा फहरा दिया। सोमवार सुबह अनिरूद्ध सिंह ने पत्रकारों को बताया कि देर रात मनुदेव सिनसिनी अपने दो साथियों के साथ महल का गेट तोड़कर अंदर घुसे।
जब गार्ड आए, तो तीनों लोग अपनी गाड़ी छोड़कर भाग गए। इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई और मनुदेव सिनसिनी सहित दो अन्य के खिलाफ जबरन महल में घुसने का मामला दर्ज कराया गया। मनुदेव सिनसिनी ने सिनसिनी गांव में उपस्थित सरदारी को संबोधित करते हुए कहा कि जब से राष्ट्र ध्वज महल पर लगाया गया, तब से वह सो नहीं पा रहे थे। उन्होंने कहा कि रियासतकालीन झण्डा मोती महल पर उनके जीवित रहते नहीं फहराया गया, तो भविष्य में कभी नहीं फहराया जाएगा।
इसलिए उन्होंने अकेले ही मोती महल जाने का निर्णय लिया और 30 से 40 मिनट तक वहां रहकर झण्डा फहराया। मनुदेव सिनसिनी और उनके साथियों ने सिनसिनी गांव में सिनसिना बाबा मंदिर के प्रांगण में एक बैठक की। इस दौरान दौलतराम फौजदार ने पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह से माइक पर उपस्थित लोगों की बात कराई। विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि जमीन मेरे नाम, महल मेरे नाम, तो यह लड़का कौन होता है मामला दर्ज कराने वाला। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक से वार्ता की जा चुकी है और मनुदेव तथा उसके साथियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि भरतपुर के स्थापना दिवस बसंत पंचमी पर वह महल के अंदर जाएंगे और तब रियासतकालीन झण्डा भी लगेगा। इस मौके पर सभी लोगों ने मनुदेव सिनसिनी का फैंटा, साफा और माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया और सिनसिनी गांव की परिक्रमा भी की गई।