समस्तीपुर की पांच सीटों पर चुनावी मुकाबला, मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में 6 नवंबर को समस्तीपुर जिले की पांच प्रमुख सीटों सरायरंजन, कल्याणपुर (सुरक्षित), समस्तीपुर, मोहिउद्दीननगर और मोरवा पर राजनीतिक दांव-पेंच का बड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। इन सीटों पर राजग और महागठबंधन के बीच टक्कर है। इस बार बिहार सरकार के दो मंत्रियों विजय कुमार चौधरी और महेश्वर हजारी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। कल्याणपुर (सुरक्षित): महेश्वर हजारी की साख दांव पर। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी (जदयू) का मुकाबला भाकपा-माले के रंजीत राम से है। 2020 में भी यही मुकाबला हुआ था और हजारी ने जीत दर्ज की थी।

इस बार भी दोनों नेताओं के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। मोहिउद्दीननगर: बीजेपी बनाम राजद। भाजपा विधायक राजेश कुमार सिंह को इस बार राजद की एजया यादव चुनौती दे रही हैं। पिछली बार भी यही मुकाबला था, जिसमें राजेश सिंह ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। मोरवा: राजद का गढ़, जनसुराज की एंट्री। राजद विधायक रणविजय साहू को जदयू के विधासागर निषाद चुनौती दे रहे हैं। वहीं, जनसुराज ने पूर्व मुख्यमंत्री कपूर्री ठाकुर की पौत्री जगृति ठाकुर को मैदान में उतारा है।

मछली पालन और निषाद समाज की बड़ी भूमिका इस सीट पर देखने को मिलती है। सरायरंजन: विजय चौधरी बनाम अरविंद सहनी। बिहार की हॉट सीट सरायरंजन पर जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी (जदयू) चौथी बार जीत दर्ज करने की कोशिश में हैं। उनके सामने राजद प्रत्याशी अरविंद कुमार सहनी मैदान में हैं। पिछली बार भी इन्हीं दोनों के बीच मुकाबला हुआ था, जिसमें चौधरी विजयी रहे थे। जातीय समीकरण और मछुआरा समुदाय यहां की जीत-हार तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। अन्य सीटों पर भी दिलचस्प मुकाबले।

वारिसनगर में जदयू ने अशोक कुमार की जगह उनके पुत्र मांजरीक मृणाल को टिकट दिया है। उजियारपुर से राजद विधायक आलोक मेहता का सामना रालोमो प्रत्याशी प्रशांत कुमार पंकज से है। विभूतिपुर में माकपा विधायक अजय कुमार के खिलाफ जदयू की रवीना कुशवाहा मैदान में हैं। रोसड़ा (सुरक्षित) से भाजपा विधायक बीरेन्द्र कुमार फिर से मैदान में हैं, कांग्रेस ने पूर्व डीजीपी वी.के. रवि को टिकट दिया है। हसनपुर में राजद की माला पुष्पम का मुकाबला जदयू के राजकुमार राय से है। समस्तीपुर की इन सीटों पर जातीय समीकरण, स्थानीय मुद्दे और पुराने राजनीतिक समीकरण फिर से निर्णायक साबित होंगे।

6 नवंबर को वोटिंग के साथ यह तय होगा कि इस बार किसके पक्ष में जनता की शह-मात होगी।

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