संजीव सान्याल ने न्यायिक प्रणाली पर उठाए गंभीर सवाल

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजर काउंसिल के सदस्य संजीव सान्याल ने शनिवार को नई दिल्ली में हुए भारतीय अधिवक्ता सम्मेलन के दौरान भारत के न्यायिक सिस्टम पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए हमारा ज्यूडिशियल सिस्टम सबसे बड़ी बाधा है। कई कानून ऐसे हैं जो समस्या को आसान करने के बजाय जटिल बना देते हैं। कोर्ट में ‘माई लॉर्ड’ जैसे शब्दों पर भी आपत्ति जताई, जो अंग्रेजों के जमाने के हैं। इन्हें बदलना चाहिए। साथ ही, सान्याल ने अदालतों में महीनों तक छुट्टी होने पर भी सवाल उठाया।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका भी राज्य के किसी अन्य हिस्से की तरह एक सार्वजनिक सेवा है। क्या आप पुलिस विभाग या अस्पतालों को महीनों तक बंद रख सकते हैं? सान्याल ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी दिक्कत कानून और न्याय को समय पर लागू न कर पाना है। हमारे देश में समझौते और न्याय समय पर पूरे नहीं होते। इस वजह से, भले ही हम सड़कों, इमारतों या शहरों पर बहुत पैसा खर्च करें, असली विकास रुक जाता है। एक फीसदी गलत लोगों की वजह से 99 फीसदी लोग फंस जाते हैं।

उन्होंने कहा कि सिर्फ 1% लोग नियमों का गलत इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हमें भरोसा नहीं है कि अदालतें ऐसे मामलों को जल्दी सुलझा देंगी, तो सरकार सारे नियम ऐसे बनाती है कि उस 1% को भी रोका जा सके। नतीजा यह होता है कि बाकी 99% ईमानदार लोग भी उन जटिल नियमों में फंस जाते हैं।

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