कोटा के सर्किट हाउस में संकटमोचन गणेशनाथ का ऐतिहासिक मंदिर

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कोटा। शहर के प्रतिष्ठित सर्किट हाउस में एक ऐतिहासिक मंदिर है, जो श्रद्धालुओं, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में विराजमान संकटमोचन गणेशनाथ को अब पूरे हाड़ौती क्षेत्र में वीआईपी गणेश या सर्किट हाउस गणेश के नाम से जाना जाता है। मंदिर में स्थापित संकटमोचन गणेश की प्रतिमा रियासती कालीन धरोहर है और श्रद्धालुओं के अनुसार यह गणेश मंदिर सवा सौ साल पुराना है। मंदिर के पुजारी नितेश शर्मा ने बताया कि यह मंदिर रियासतकालीन दौर में बना था और सर्किट हाउस परिसर में स्थित है, जो पहले राजा-महाराजाओं का विश्रामगृह था।

मंदिर परिसर में स्थित चबूतरे को संकटमोचन गणेशनाथ के नाम से जाना जाता था। समय के साथ सर्किट हाउस और मंदिर का स्वरूप बदला, लेकिन भगवान गणेश के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था आज भी अडिग है। टीकाराम गुर्जर, जो वर्षों से गणेश मंदिर आते हैं, गणेशजी के अनन्य भक्त हैं और मंदिर की व्यवस्थाओं में सहयोग करते हैं। वीआईपी गणेश मंदिर में धोक लगाने वाले सभी उच्च पदस्थ अधिकारी—जैसे मजिस्ट्रेट, कलक्टर, एसपी, आइजी, मंत्री और विधायक—मंदिर में हाजिरी लगाना नहीं भूलते। यही कारण है कि इस गणेश प्रतिमा को वीआईपी गणेश कहा जाता है।

इस मंदिर की ख्याति अब कोटा ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में फैल चुकी है। देश-विदेश से भी वीआईपी गणेश में हर चतुर्थी पर धोक लगाने आते हैं। यूएसए निवासी प्रियंका इस बार गणेश चतुर्थी पर सवामणी भी करवा रही हैं। मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी कतारें उनकी आस्था का प्रमाण हैं। वर्तमान में संकटमोचन गणेश अब सर्किट हाउस वाले गणेश या वीआईपी गणेश के नाम से जाने जाते हैं।

पुजारी नितेश शर्मा ने बताया कि यह प्रतिमा वर्षों पहले भीषण बाढ़ में बहकर एरोड्रम वाले क्षेत्र में आई थी, जहां उनके दादाजी ग्यारसीलाल ने इसे लाकर एक चबूतरे पर स्थापित किया। पुरानी मान्यताओं के अनुसार, जहां अब मंदिर है, वहां पहले से एक चबूतरा था। किंवदंती है कि एक बार विश्राम गृह परिसर में मैनेजर के बच्चे की तबीयत खराब हो गई थी। उन्होंने गणेशनाथ प्रतिमा को हटवाने की कोशिश की, लेकिन प्रतिमा अपनी जगह से हिल नहीं पाई। इसके बाद उन्होंने वहीं एक छोटा मंदिर बनवाया और संकटमोचन गणेशनाथ प्रतिमा यथावत स्थापित रही।

27 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर विघ्नहर्ता घर-घर विराजेंगे। सर्किट हाउस अर्थात वीआईपी गणेश पूजन का मुख्य कार्यक्रम सुबह 7:30 बजे शुरू होगा। सुबह सवा सौ किलो दूध से पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। उसके बाद गणेश प्रतिमा का स्वर्ण शृंगार किया जाएगा। इस बार गणेश चतुर्थी पर 11 प्रकार के लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा। 1600 किलो लड्डु बनाए जाएंगे, जिनमें पांच सौ किलो दूध, 280 किलो बेसन, 5 क्विंटल शक्कर, सवा सौ किलो ड्राय फ्रुट और 20 पीपे देशी घी का उपयोग होगा।

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