राजस्थान में अनुसूचित जाति-जनजाति की महिलाओं के दुष्कर्म मामलों की स्थिति

Tina Chouhan

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में एक सवाल के जवाब में राज्य सरकार ने जानकारी दी है कि प्रदेश में एक जनवरी 2024 से 31 जनवरी 2025 तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति की महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों की जानकारी साझा की गई है। इस अवधि में दर्ज मामलों में से 20 मुकदमों की जांच अब भी लंबित है, जबकि 410 मुकदमों में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट (एफआर) प्रस्तुत की है। जानकारी के अनुसार, अनुसूचित जाति-जनजाति की महिलाओं के साथ अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है।

हालांकि बड़ी संख्या में दर्ज मामलों में पुलिस ने एफआर लगाकर कार्रवाई पूरी की है, लेकिन लंबित मामलों की जांच तेज करने की आवश्यकता बनी हुई है। महिला सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने कई स्तरों पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि लंबित मामलों की जांच शीघ्र पूरी कर न्यायालय में चालान पेश किया जाएगा। साथ ही, पीड़िताओं को शीघ्र न्याय और आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

सामाजिक संगठनों का मानना है कि एफआर लगाए गए मामलों की पारदर्शी समीक्षा की जानी चाहिए, ताकि वास्तविक पीड़िताओं को न्याय मिल सके और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित हो।

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