उदयपुर में मौसमी बीमारियों का बढ़ता खतरा: चिकनगुनिया के 31 मामले

Tina Chouhan

उदयपुर में मौसमी बीमारियों के चलते डेंगू बुखार ने कई लोगों को प्रभावित किया है और अब चिकनगुनिया के मरीज भी सामने आने लगे हैं। वर्तमान में चिकनगुनिया बुखार के 31 मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले वर्ष, चिकनगुनिया ने शहरी क्षेत्र में कई लोगों को अपनी चपेट में लिया था, और बुखार उतरने के बाद भी जोड़ों में दर्द तीन से छह महीने तक बना रहा। एमबी हॉस्पिटल और जिला अस्पताल में चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। हाल ही में एक नया मामला भी सामने आया है, जिसकी पुष्टि एम.बी. हॉस्पिटल की लैब में हुई है।

चिकनगुनिया रोग की जानकारी मिलते ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग ने पॉजिटिव रोगियों के आसपास के घरों में एंटीलार्वल गतिविधियों के लिए टीमें भेजी हैं। चिकनगुनिया एक वायरस है, जो एडीस मच्छर के काटने से फैलता है। जैसे ही यह वायरस शरीर में प्रवेश करता है, व्यक्ति बुखार, खांसी और जुकाम से ग्रसित हो जाता है। वर्तमान में एमबी हॉस्पिटल के मेडिसिन वार्ड में चिकनगुनिया और डेंगू के मरीज भर्ती हैं। चिकनगुनिया बुखार में जोड़ों में अत्यधिक दर्द होता है, जो कभी-कभी छह महीने से अधिक समय तक बना रह सकता है।

मरीज को लगभग 100 डिग्री के आसपास बुखार रहता है, जो एक निर्धारित समय पर अचानक तेज हो जाता है। शरीर पर लाल रंग के रैशेज बनते हैं, भूख कम लगती है और हमेशा थकान महसूस होती है। सिर में दर्द और खांसी-जुकाम की समस्या भी होती है। चिकनगुनिया का मच्छर आमतौर पर दिन में काटता है, इसलिए दिन में भी मच्छर से बचने के लिए उपाय करना जरूरी है। हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में इस बार चिकनगुनिया के मामलों की संख्या कम है। पिछले सप्ताह केवल एक मामला दर्ज किया गया है।

हम पॉजिटिव रोगियों के घरों के आस-पास एंटीलार्वल गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं।

Share This Article