दूसरे पति ने 24 घंटे बाद मां और बच्चों के शव लिए

Tina Chouhan

सीकर। पालवास रोड स्थित अनिरूद्ध रेजिडेंसी में शनिवार को मिले मां और चार बच्चों के शव पुलिस ने रविवार को पोस्टमार्टम कराने के बाद दूसरे पति को सौंप दिए। पांचों शव 24 घंटे से ज्यादा समय से श्री कल्याण हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखे हुए थे। सदर थानाधिकारी इंद्रा मरोड़िया ने बताया कि रविवार को मूंडवाड़ा गांव जाकर मृतका के पीहर पक्ष में मां-भाई और ससुराल पक्ष में पहले पति नेमीचंद बाजिया के परिवार से बात की थी, लेकिन उन्होंने दूसरे दिन भी शव लेने से मना इंकार कर दिया।

इसके बाद पुलिस ने महिला के लिव इन पार्टनर झुंझुनूं जिले के पिपली निवासी शैलेष झाझड़िया को भी फोन किया, लेकिन उसने मां के बीमार होने की बात कह आने से इंकार कर दिया। रविवार शाम मृतका का लिव इन पार्टनर शैलेष श्री कल्याण हॉस्पिटल आया। पुलिस ने शैलेष व सीकर तहसीलदार के आने पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा रात 7.30 बजे पाचों शव उसे सौंप दिए। बुरी तरह सड़ गए थे शव।

श्री कल्याण हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखे महिला व उसके चारों बच्चों के शवों को डीप फ्रिज से निकाला गया तब भी उनके शवों से तेज दुगंर्ध आ रही थी। शव पिछले 11 दिन से अनिरूद्ध रेजीडेंसी के फ्लेट में पड़े थे और फूलकर सड़ांध मारने लगे। निजी स्कूल में बढ़ी नजदीकियां। पालवास स्थित एक निजी स्कूल में नौकरी के दौरान पिंकी व शैलेष के बीच नजदीकियां बढ़ी थी। शैलेष से पिंकी को दो बेटे आयु और अवनीश हुए। पिछले एक साल से विवाद व अनबन होने के चलते पिंकी ने शैलेष के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था।

जबकि पहले पति नेमीचंद बाजिया निवासी मूंडवाड़ा से उसके एक बेटा व एक बेटी थे। एक चिता पर पांच शवों का अंमित संस्कार। सामूहिक सुसाइड करने वाली मां और चार बच्चों का रविवार को एक ही चिता पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार के दौरान महिला दूसरा पति शैलेश, सास, ससुर और ननद मौजूद रहे। रोटी में खिलाया था विषाक्त। मृतका किरण उर्फ पिंकी चौधरी सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती थी, उसने करीब डेढ़ साल पहले अपना यू-ट्यूब चैनल शुरू किया था।

बेटा सुमित बाजिया व बेटी स्नेहा चौधरी भी मां के साथ सोशल मीडिया पर डांस की रील्स और फोटो डालते थे। अनिरूद्ध रेजीडेंसी में दूसरे दिन भी चर्चा रही कि अपने बच्चों को पिंकी चौधरी अपनी जान से ज्यादा चाहती थी और उनकी हर इच्छा पूरी करती थी, उन्हें अपने हाथों से रोटी में विषाक्त पदार्थ खिलाकर कैसे हमेशा के लिए सुला दिया।

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