ग्रह नक्षत्र की स्थिति बदलने से विभिन्न योग बनते हैं। शनि ग्रह को कर्म फल का दाता माना जाता है, जो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देता है। शनि के दो योग होते हैं: ढैया और साढ़ेसाती। इनका व्यक्ति के जीवन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। 2025 में मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो चुकी है और यह 2032 तक जारी रहेगी। यह समय व्यक्ति के जीवन के महत्वपूर्ण दौर में से एक होता है, जिसमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
जो व्यक्ति धैर्य, समझ और मजबूत निर्णय क्षमता के साथ आगे बढ़ता है, उसे शुभ परिणाम मिलते हैं। मेष राशि पर शनि साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं। पहले चरण में, जो 2025 से शुरू होता है, मेष राशि के लोग चिंता, बेचैनी और मानसिक दबाव महसूस करेंगे। योजनाएं बनाते समय असहमति हो सकती है और नींद की कमी या ओवर थिंकिंग परेशान कर सकती है। यह समय आत्म-समझ और सोच को स्पष्ट करने का है। दूसरे चरण में, 2027 से 2029 के बीच, व्यक्ति को आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है।
मेहनत बढ़ती है लेकिन परिणाम कम मिलते हैं। जिम्मेदारियां बढ़ती हैं और रिश्तों में दबाव महसूस होता है। जो व्यक्ति इस समय को संभाल लेता है, वह मजबूत बनता है। तीसरे चरण में, 2029 से 2032 तक, व्यक्ति के सुधार का समय होता है। जो काम पहले रुके थे, वे धीरे-धीरे बनने लगते हैं। आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और रिश्तों में तनाव कम होता है। यह आत्मविश्वास बढ़ाता है और व्यक्ति को अपने कार्यों को बेहतर तरीके से पूरा करने में मदद करता है।
इस समय तक व्यक्ति समझ जाता है कि कठिन दौर ने उसे मजबूत बना दिया है।


