कुख्यात तस्कर शंकर बाड़मेर में गिरफ्तार, हैदराबाद में नाम बदलकर छिपा था

Tina Chouhan

जयपुर। आतंकवादी निरोधक दस्ता (एटीएस) और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने बिहार, मध्यप्रदेश और राजस्थान में मादक पदार्थ तस्करी का नेटवर्क चलाने वाले अंतरप्रांतीय कुख्यात तस्कर शंकर बिश्नोई को बाड़मेर से गिरफ्तार कर लिया। वह चौहटन क्षेत्र का निवासी है और लंबे समय से पुलिस की निगरानी में था। उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। एटीएस आईजी विकास कुमार ने बताया कि एडीजी वीके सिंह के निर्देशन में टीमें अब तक एक माह में छह कुख्यात तस्करों को दबोच चुकी हैं। शंकर को पकड़ने के लिए ऑपरेशन मरुद्रग चलाया गया।

कुख्यात तस्कर शंकर मादक द्रव्यों की तस्करी, शराब तस्करी, वाहन चोरी, आर्म्स एक्ट, मारपीट के अनेकों अपराधों में शामिल रहा है। शंकर लंबे समय से हैदराबाद में फरारी काट रहा था और हाल ही में वापस बाड़मेर आकर गुप्त रूप से फिर से तस्करी के धंधे में लगा था। आरोपी शंकर खुद के पास कोई मोबाइल नहीं रखता था तथा पुलिस के बढ़ते दबाव को देखते हुए हैदराबाद में छिपा हुआ था।

वहां उसने अपना नाम भी बदलकर सूर्या रख लिया था और छद्म रूप से रेलिंग के व्यवसाय में लगा था, पर छोटी कमाई से अरमान न पूरे होते देख और पुलिस का दबाव कम होता मानकर वह वापस लौट आया और फिर अपना धंधा जमाने की कोशिश करने लगा। इस बार शंकर ने छोटी-छोटी खेपों के माध्यम से धंधा जमाने की सोची। इन खेपों को लाने के लिए किसी कार डीलर से संपर्क साधा और स्विफ्ट कार खरीदने की इच्छा जाहिर की।

इसके बाद टीम ने जांच की तो पता चला कि शंकर की डीलर से एक सफेद स्विफ्ट कार दिखाने की डील हुई और शंकर ने मित्र के माध्यम से उसे कार दिखाने के लिए किसी सुरक्षित स्थान पर बुलाया, जहां उसे दबोच लिया गया। आईजी विकास कुमार ने बताया कि शंकर दसवीं की पढ़ाई छोड़कर पिता के कहने पर चेन्नई में अपने किसी मित्र के पास कपड़े के धंधे के लिए चला गया। 10 हजार मासिक तनख्वाह से असंतुष्ट होकर शंकर वापस घर आ गया और गाड़ी चलाने लगा।

गाड़ी चलाते-चलाते उस पर कुख्यात तस्करों की नजर पड़ी और उसे तस्करी में शामिल कर लिया। धीरे-धीरे शंकर खुद मादक पदार्थों की तस्करी का मुख्य सूत्रधार बन बैठा।

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