जयपुर के विभिन्न मंदिरों में धूमधाम से शरद पूर्णिमा मनाई गई

Tina Chouhan

जयपुर। राजधानी जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में शरद पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। शाम होते ही मंदिरों में खीर बनाना शुरू हुआ, जो देर शाम तक बनती रही। हालांकि, बारिश होने से जयपुर के आसमान में बादल छाए रहे, जिसके कारण चन्द्रमा बहुत ही कम दिखाई पड़ा। देर रात मंदिरों में प्रभु को खीर का भोग लगाकर वितरण किया गया। नगर के आराध्य देव गोविंददेवजी मंदिर में शरद पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।

सुबह मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में वेद-मंत्रोच्चार के साथ ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक कर एकदम सफेद रंग की नवीन पोशाक धारण कराई गई। विशेष अलंकार श्रंगार और पुष्प श्रंगार किया गया। इस दौरान यहां मंदिर में प्रभु की मंगला झांकी में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। यही स्थिति राजभोग झांकी के दौरान रही। ठाकुर श्रीजी को खीर और खीरसा का भोग लगाया गया। श्रंगार झांकी में ठाकुरजी का श्रंगार आकर्षण का केन्द्र रहा। शरदोत्सव की विशेष झांकी के दर्शन शाम 7.15 से 7.30 बजे तक हुए।

मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर श्रीजी के समक्ष शरदोत्सव में विशेष खाट सजाई गई। इसमें शतरंज, चौसर की बाजी सजाई गई। इस झांकी के दर्शन करने श्रद्धालु उमड़ पड़े। श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए झांकी का समय बढ़ाना पड़ा। सरस पदावलियों से सरस बिहारी का गुणगान : सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीसरस निकुंज में शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में शरदोत्सव भक्तिभाव से मनाया गया।

प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि ठाकुरजी को केसरिया खीर सहित अन्य मीठे व्यंजनों का भोग अर्पण किया गया। महारास और वेणुवादन की पदावलियों का गायन किया गया। इसी तरह श्रीप्रेमभाया मंडल समिति की ओर से चांदपोल बाजार के जयलाल मुंशी का रास्ता स्थित युगल कुटीर में श्रीप्रेमभाया सरकार का शरद चांदनी उत्सव मनाया गया। समिति के अध्यक्ष दुर्गा चौधरी ने बताया कि श्रीप्रेमभाया सरकार को धवल पोशाक धारण करा कर पुष्पों से श्रंगार किया गया।

ठाकुरजी के सामने बिछाए चौपड़-पासा : समाज श्रीसीताराम जी समिति की ओर से छोटी चौपड़ स्थित श्रीसीताराम जी मंदिर में मनाए गए शरद महोत्सव में प्रभु को सफेद नई पोशाक धारण कराई गई। ठाकुर के आगे चौपड़ पासा बिछाया गया। रात्रि 10 बजे बाद औषधीयुक्त खीर का वितरण किया गया। रामबाबू झालानी ने बताया कि उत्सव के दौरान ठाकुर श्रीसीताराम जी को रास के भजन सुनाए गए। वैद्य धर्मचंद ने खीर में दमे की औषधि मिलाकर सभी भक्तों को वितरित की।

इसी तरह पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथजी मंदिर, चौड़ा रास्ता के राधा दामोदर, मदन गोपाल, रामगंज बाजार के लाड़लीजी, गलता तीर्थ अक्षयपात्र, अक्षरधाम, इस्कॉन मंदिर सहित अन्य सभी मंदिरों में शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया।

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