सोशल मीडिया पर अमर्त्य सेन का समर्थन करने पर विश्व भारती के छात्र को कारण बताओ नोटिस

Sabal Singh Bhati
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कोलकाता, 14 फरवरी ()। विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने अपने एक छात्र को सोशल मीडिया पर नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन का समर्थन करने के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जहां विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर विश्वविद्यालय की भूमि पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाया है।

छात्र सोमनाथ सू, सीपीआई (एम) के छात्र विंग स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) का सक्रिय सदस्य है। हाल ही में छात्र ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर मौजूदा विवाद में सेन के प्रति विश्वविद्यालय के अधिकारियों के रवैये की निंदा की।

उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि विश्व स्तर पर प्रशंसित शिक्षाविद और अर्थशास्त्री को बेवजह परेशान करना है। उनके मुताबिक कुछ तत्व कुलपति को लगातार सलाह दे रहे हैं कि सेन को परेशान करके उन्हें बीजेपी का समर्थन मिल जाएगा।

सोमनाथ के अनुसार, भूमि रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि सेन कानूनी रूप से 13 डिसमिल भूमि सहित पूरी भूमि के हकदार हैं, जिसे विश्वविद्यालय के अधिकारी उनके कानूनी अधिकार से परे होने का दावा करते हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, वास्तविक सच्चाई का खुलासा होना चाहिए क्योंकि इस प्रक्रिया में एक वृद्ध और विश्व स्तर पर प्रशंसित शिक्षाविद को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों को अपने निराधार दावों के समर्थन में कागजात के साथ सामने आना चाहिए।

इसके तुरंत बाद विश्वविद्यालय एक्शन में आ गया और उनसे पूछा गया कि वो वहां के छात्र होने के बावजूद विश्वविद्यालय के खिलाफ मुखर होने के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। नोटिस में सोमनाथ को भविष्य में इस तरह की कार्रवाई दोहराने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

11 फरवरी को, सेन के वकील ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को एक कानूनी नोटिस जारी किया, जिसमें बाद में उनके द्वारा कब्जा की गई 13 डिसमिल भूमि पर जारी विवाद के संबंध में अपनी अपमानजनक टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा। सेन के वकील गोराचंद चक्रवर्ती ने कहा, विश्वविद्यालय के अधिकारियों को ऐसी अपमानजनक टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए। अन्यथा उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

केसी/

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times