मुंबई, 21 मई ()। अजय देवगन और तब्बू-स्टारर ²श्यम फ्रेंचाइजी देश की सीमाओं को पार करने जा रही है। दक्षिण कोरियाई दर्शकों के लिए इसका आधिकारिक रीमेक बनाया जाएगा जिसमें फिल्म में वहां के हिसाब से बदलाव किए जाएंगे। ²श्यम एक भारतीय फ्रेंचाइजी है जिसने हर भारतीय भाषा में सफलता हासिल की है, चाहे वह मलयालम, तमिल, कन्नड़, तेलुगु या हिंदी हो।
कान फिल्म फेस्टिवल के इंडिया पवेलियन में रविवार को यह घोषणा हुई।
भारतीय प्रोडक्शन कंपनी पैनोरमा स्टूडियोज और वार्नर ब्रदर्स के पूर्व स्थानीय कोरियन प्रमुख जे चोई द्वारा स्थापित एंथोलॉजी स्टूडियोज, पैरासाइट अभिनेता सोंग कांग-हो और प्रशंसित निर्देशक किम जी-वून ने कोरियाई रीमेक के लिए भागीदारी की है।
दिवंगत निशिकांत कामत द्वारा निर्देशित ²श्यम् का पहला भाग विजय सलगांवकर के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसकी साधारण दुनिया एक आकस्मिक मृत्यु के बाद बिखर जाती है, जिसमें उनके परिवार और उन्हें कानून से बचाने के लिए उनके हताश उपाय शामिल हैं। अजय देवगन, तब्बू और कमलेश सावंत के सराहनीय प्रदर्शन के साथ फिल्म काफी सफल हुई थी।
निमार्ता कुमार मंगत पाठक ने कहा, मैं उत्साहित हूं कि ²श्यम फ्रेंचाइजी कोरियन में बनाई जा रही है। पहली बार कोई हिंदी फिल्म कोरियन में बनने जा रही है। इससे न केवल भारत के बाहर इसकी पहुंच बढ़ेगी बल्कि हिंदी सिनेमा को वैश्विक मानचित्र पर भी जगह मिलेगी। पिछले कई वर्षों में, हम कोरियाई शैली से प्रेरित हुए हैं, अब उन्होंने हमारी एक फिल्म में प्रेरणा ढूंढ ली है। भारतीय फिल्म बिरादरी के लिए इससे बड़ी उपलब्धि क्या हो सकती है।
जे चोई भी इस सहयोग को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, हम कोरियाई सिनेमा की मौलिकता को बरकरार रखते हुए एक व्यापक रूप से सफल हिंदी फिल्म का रीमेक बनाने का अवसर पाकर रोमांचित हैं। कोरिया और भारत के बीच पहले प्रमुख सह-निर्माण के रूप में इस रीमेक का अधिक महत्व है। हमारी साझेदारी के माध्यम से हम भारतीय और कोरियाई दोनों सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ को पर्दे पर उतारने और एक सार्थक रीमेक बनाने में सक्षम होंगे जो मूल फिल्म की तरह ही उत्कृष्ट है।
यह बताते हुए कि फिल्म अपने ट्विस्ट और टर्न से दर्शकों को बांधे रखती है, कुमार मंगत पाठक ने विश्वास जताया कि ²श्यम फ्रेंचाइजी को कोरिया (और बाकी दुनिया) में भी दर्शक मिलेंगे। उन्होंने अंत में कहा, यह दोनों देशों और उनके फिल्म उद्योगों के बीच एक मूल्यवान सांस्कृतिक आदान-प्रदान की शुरुआत है।
एकेजे