सोयाबीन किसानों के लिए खुशखबरी, मॉडल रेट 4225 रुपए हुआ

Jaswant singh

मध्य प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए एक सकारात्मक समाचार है। सोयाबीन की खरीदी जारी है और सरकार ने मॉडल रेट में लगातार वृद्धि की है। आज एक बार फिर मॉडल रेट को बढ़ाया गया है। सोयाबीन के लिए भावांतर योजना लागू करने के बाद, सरकार ने 7 नवंबर को पहला मॉडल रेट जारी किया था और उसके बाद से नए मॉडल रेट जारी होते रहे हैं। शासन ने जानकारी दी है कि भावांतर योजना 2025 के अंतर्गत सोयाबीन विक्रेता किसानों के लिए 15 नवंबर को 4225 रुपए प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी किया गया है।

यह रेट उन किसानों के लिए है जिन्होंने अपनी सोयाबीन की उपज मंडी प्रांगणों में बेची है। इसी मॉडल रेट के आधार पर भावांतर की राशि की गणना की जाएगी। 7 नवंबर को पहला मॉडल रेट 4020 रुपए जारी हुआ था। उल्लेखनीय है कि सोयाबीन के मॉडल रेट में लगातार वृद्धि हो रही है। पहले रेट के बाद 8 नवंबर को 4033 रुपए, 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपए, 11 नवंबर को 4056 रुपए, 12 नवंबर को 4077 रुपए, 13 नवंबर को 4130 रुपए और 14 नवंबर को 4184 रुपए प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी किया गया।

हाल ही में हुई बारिश ने सोयाबीन की फसल को प्रभावित किया था, जिससे किसान चिंतित थे। लेकिन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सोयाबीन भावांतर योजना लागू करने की घोषणा की है ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि योजना की प्रक्रिया में किसानों को कोई असुविधा न हो। भावांतर योजना लागू होने के बाद उपार्जन केंद्रों पर सोयाबीन की आवक बढ़ गई है और तेजी से खरीदी जारी है। 13 नवंबर को मुख्यमंत्री ने 1.33 लाख किसानों के खातों में 233 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की।

मध्य प्रदेश किसानों को उपज का उचित लाभ दिलवाने वाला देश का पहला राज्य है। पिछले साल सोयाबीन का भाव 4800 रुपए था, जबकि इस बार किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल का लाभ देकर 5300 रुपए से अधिक पर सोयाबीन खरीदा जा रहा है। 9.36 लाख से अधिक किसानों ने पंजीकरण कराया है। 3 से 17 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन में 9 लाख 36 हजार 352 किसानों ने पंजीकरण किया। प्रदेश में 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 तक सोयाबीन की विक्रय अवधि रहेगी। सोयाबीन के लिए MSP प्रति क्विंटल 5328 रुपए घोषित की गई है।

अगर MSP से कम कीमत पर सोयाबीन बिकता है, तो किसानों के घाटे की भरपाई भावांतर योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।

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Jaswant singh Harsani is news editor of a niharika times news platform