भूटानी कानून छात्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट की नई पहल

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने भूटान की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान घोषणा की कि भारत का सुप्रीम कोर्ट भूटान के कानून स्नातकों को दो क्लर्क पद प्रदान करेगा। यह पहल दोनों देशों के न्यायिक तंत्रों के बीच सहयोग को मजबूत करने और कानूनी पेशेवरों के बीच शैक्षणिक व व्यावसायिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है। यह घोषणा जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ लॉ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की गई, जहां मुख्य न्यायाधीश ने छात्रों के साथ बातचीत की।

जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ लॉ में अपने संबोधन में मुख्य न्यायाधीश गवई ने कानूनी शिक्षा के ढांचे में करुणा, बुद्धिमत्ता और नैतिक जिम्मेदारी जैसे मूल्यों पर जोर दिया। इस दौरान भूटान की राजकुमारी सोनम देकेन वांगचुक और भूटान के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस नोरबू त्शेरिंग भी उनके साथ मौजूद थे। गवई ने छात्रों को संबोधित करते हुए कानूनी पेशे में नैतिकता और मानवीय दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया। सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा मुख्य न्यायाधीश ने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री दाशो त्शेरिंग तोबगे के साथ भी कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं।

सूत्रों के अनुसार, इन बैठकों में दोनों देशों के न्यायिक तंत्रों के बीच सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा हुई। भारतीय न्यायपालिका ने भूटान की न्यायपालिका को तकनीकी एकीकरण, क्षमता निर्माण और ज्ञान के आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने की इच्छा व्यक्त की। भारत-भूटान संबंधों को मजबूती इन चर्चाओं के दौरान दोनों पक्षों ने भारत-भूटान संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। यह पहल न केवल दोनों देशों के बीच कानूनी सहयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि भूटानी कानून छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अनुभव प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान करेगी।

यह कदम दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है。

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal
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