मनरेगा योजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पटकार लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में फिर से मनरेगा स्कीम लागू की जाए। पश्चिम बंगाल में इस योजना को साल 2022 में कुछ आरोपों के कारण रोक दिया था। इन आरोपों को बीजेपी ने लगाया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि पश्चिम बंगाल में फिर से मनरेगा स्कीम लागू की जाए।
मनरेगा योजना में ममता सरकार के घोटालों का हवाला देते हुए केंद्र सरकार द्वारा दायर याचिका कोर्ट ने खारिज की, जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें पश्चिम बंगाल राज्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) योजना को 1 अगस्त 2025 से लागू करने का निर्देश दिया गया था। खंडपीठ ने कहा कि हम इस बात से सहमत नहीं हैं कि इस आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता है। विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है।
हाईकोर्ट ने MGNREGA योजना के तहत दिहाड़ी मजदूरों को बकाया भुगतान न करने के मामले में यह आदेश पारित किया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि भुगतान में अनियमितताएं इस योजना को हमेशा के लिए रोकने का आधार नहीं हो सकतीं। केंद्र को गबन के आरोपों की जांच जारी रखने की अनुमति देते हुए हाईकोर्ट ने उसे 1 अगस्त, 2025 से इसे फिर से शुरू करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने दिया था ये निर्देश इस अधिनियम की योजना ऐसी स्थिति की परिकल्पना नहीं करती, जहां इसे हमेशा के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए।
केंद्र सरकार के पास वेतन वितरण में अनियमितता की जांच करने के लिए पर्याप्त साधन हैं, हालांकि, पिछले कार्यों और कार्यान्वयन के लिए भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों के बीच रेखा खींची जा सकती है। इस न्यायालय की राय में यह जनहित में होगा और उस हित को पूरा करेगा, जिसके लिए यह अधिनियम बनाया गया था। इसलिए केंद्र सरकार को अपनी जांच जारी रखने की अनुमति देते हुए यह न्यायालय निर्देश देता है कि इस योजना को 1 अगस्त, 2025 से लागू किया जाए। अभिषेक बनर्जी ने फैसले को बताया ऐतिहासिक जीत।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मनरेगा पर केंद्र की याचिका खारिज करने को बंगाल की ऐतिहासिक जीत बताया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आर्थिक नाकेबंदी और गरीबों की मजदूरी छीनने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह बीजेपी के अहंकार पर लोकतांत्रिक तमाचा है। बनर्जी ने इस फैसले को बंगाल के लोगों के हक की लड़ाई की जीत करार दिया। मनरेगा योजना ग्रामीण निवासियों के लिए एक अत्यंत लाभकारी पहल है।
यह योजना ग्रामीण निवासियों को 100 दिनों का रोज़गार सुनिश्चित करती है जिसमें उनके काम के आधार पर मज़दूरी सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य बेरोज़गारी कम करना और ग्रामीण समुदायों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। अपनी शुरुआत से ही, लाखों नागरिक मनरेगा योजना से लाभान्वित हुए हैं।


