नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2014 के निर्णय पर गंभीर संदेह व्यक्त किया है। कोर्ट ने अल्पसंख्यक संस्थानों में शिक्षा के अधिकार के संदर्भ में यह सवाल उठाया है। कोर्ट ने 2014 में कहा था कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के प्रावधान धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों पर लागू नहीं होते हैं। अब अदालत ने इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह निर्णय ‘अच्छी गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के मूल पर प्रहार करता है, इसके परिणाम दूरगामी हैं। इसलिए इसकी फिर से जांच करने की आवश्यकता है।