सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामलों में मुख्य सचिवों को तलब किया

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामलों में देश के अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को हलफनामा दाखिल न करने पर तलब किया। कोर्ट ने केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम को ही कंप्लायंस एफिडेविट दाखिल करने का दावा स्वीकार किया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की तीन सदस्यीय बेंच ने बाकी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया।

बेंच ने कहा कि 22 अगस्त को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कम्प्लायंस एफिडेविट दाखिल करने का आदेश दिया गया था, लेकिन अब तक केवल तीन संस्थाओं ने ही पालन किया। जस्टिस विक्रम नाथ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आदेश की रिपोर्टिंग व्यापक स्तर पर हुई थी और बावजूद इसके अधिकांश राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अनुपालना नहीं कर रहे हैं। न्यायमूर्ति नाथ ने यह भी कहा कि लगातार आवारा कुत्तों से संबंधित घटनाओं के कारण देश की अंतरराष्ट्रीय छवि खराब हो रही है।

कोर्ट ने नोट किया कि मीडिया रिपोर्ट्स में इस मामले को गंभीरता से उठाया जा रहा है, जिससे भारत की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के प्रति दूसरी देशों की नजर में चिंता बढ़ रही है। अदालत ने स्पष्ट किया कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कानून के तहत जिम्मेदारी निभाएं। इस आदेश के बाद सभी मुख्य सचिवों के लिए एफिडेविट दाखिल करना अनिवार्य हो गया है, अन्यथा कोर्ट कठोर कार्रवाई कर सकती है।

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