जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में हुई आगजनी की घटना के बाद और दिवाली पर संभावित आगजनी की घटनाओं की रोकथाम के लिए नगर निगम ग्रेटर ने प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके लिए बहुमंजिला इमारतों, व्यावसायिक संस्थाओं, अस्पतालों और होटलों सहित विभिन्न संस्थाओं की जांच बार-बार निर्देश के बाद भी नहीं की गई थी, जिस पर नगर निगम जयपुर ग्रेटर के आयुक्त डॉ. गौरव सैनी ने चीफ फायर ऑफिसर गौतम लाल को फटकार लगाई। आयुक्त की फटकार के बाद अग्निशमन अधिकारियों ने मंगलवार को शहर के विभिन्न इलाकों में 400 संस्थाओं की जांच की।
इस दौरान पता चला कि 212 संस्थाओं में फायर एनओसी नहीं थी और जहां एनओसी थी, वहां प्रशिक्षित फायर कर्मचारी नहीं मिले। इसके बाद फायर शाखा ने 212 में से 178 संस्थाओं को नोटिस जारी कर दिए और शेष पर कार्रवाई के दावे किए जा रहे हैं। डॉ. सैनी ने बताया कि अग्निशमन शाखा ने दीपोत्सव के अवसर पर किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। निगम ग्रेटर मुख्यालय के साथ ही सभी जोन की टीमों ने अग्निसुरक्षा के दृष्टिकोण से करीब 400 संस्थानों का सर्वे किया।
इसमें मालवीय नगर जोन के 61, मानसरोवर जोन के 66, विद्याधर नगर जोन के 52, मुरलीपुरा जोन के 38, जगतपुरा जोन के 26, झोटवाडा जोन के 135 और सांगानेर जोन के 22 संस्थानों का सर्वे किया गया। सर्वे के दौरान 400 में से 212 संस्थान अग्निशमन व्यवस्था में कमी के कारण सही नहीं पाए गए, जबकि केवल 188 संस्थानों के पास फायर एनओसी थी।


